मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

ज्यादा खतरनाक इंसानी खाल में भेड़िये

06:31 AM Sep 05, 2024 IST

शमीम शर्मा

Advertisement

बचपन से गड़रिये और भेड़िये की कहानी सुनते आ रहे हैं जिसमें गड़रिया झूठमूठ कहा करता- भेड़िया आया, भेड़िया आया। फिर एक दिन ऐसा आया कि लोगों ने गड़रिये की बात का विश्वास करना ही बंद कर दिया। पर अब तो भेड़िया सचमुच ही आ गया है। सबको खबर मिल चुकी है कि वह कइयों को निगल चुका है। इस घटना से पहले मैंने वेष बदले हुए भेड़ियों की सत्यकथायें बहुत सुनी हैं। हाल ही में कोलकाता में एक मानुष-भेड़िये ने एक महिला डॉक्टर को लील लिया। लील लिया लेकिन बात यहीं तक नहीं थमी। उस भेड़िये को बचाने के लिये न जाने कितने भेड़िये एकजुट हो गये। यह दहलाने वाली खबर है।
अगर भेड़िये के जीव विज्ञान का अध्ययन करें तो पता चलेगा कि भेड़िया झुंड संस्कृति में विश्वास रखता है। एक भेड़िये पर यदि अटैक हो जाये तो पूरा झुंड उसकी सुरक्षा के लिये मुकाबला करता है। यही रेपिस्ट-भेड़ियों की आदत है। बजाय रेपिस्ट का मुंह काला करने के उसे दूध का धुला बताने के लिये कचहरी तक जा पहुंचते हैं। बचाव की नई-नई तरकीबें खोज निकालते हैं। मानवाधिकार तक की दुहाई दे डालते हैं। पर उस बेटी के मानवाधिकारों की किसी को चिन्ता नहीं है जिसकी बोटी-बोटी अपने बचाव के लिये चिल्लाई होगी।
भेड़िये के बारे में कहा जाता है कि वे जन्म के समय बहरे होते हैं लेकिन बाद में उन्हें दस किलोमीटर दूर तक की आवाज भी सुनाई दे जाती है। पर अपने वाले भेड़ियों को तो साथ वाले कमरे की आवाज सुनाई नहीं देती। तो इसका अर्थ यह है कि मानुष-भेड़ियों को बचपन में तो सुनाई देता है पर वे बाद में बहरे हो जाते हैं। उनके साथ ही उनका पूरा झुंड भी बहरा हो जाता है। इन्हें रक्तरंजित बेटियों की आहें-कराहें कुछ भी सुनाई नहीं देती। तब मुझे यह कथन याद आता है कि जरूरी नहीं कि हर बार कुत्ता ही वफादार निकले, कई बार वफादार भी कुत्ते निकल आते हैं।
इन सालों में एक नारा खूब गुनगुनाया गया। बड़े-बड़े दावों के साथ गाया गया कि—
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।
मां-बाप ने बेटी को पढ़ने भेजा और बेटी ने खूब पढ़लिख कर डॉक्टर की उपाधि ले ली। और इससे ज्यादा पढ़ती भी क्या? वह पढ़ तो गई पर बची तो नहीं। भेड़ियों ने उसकी सारी पढ़ाई पर स्याही पोत दी। फिर समाचार आया कि भेड़िये गिरफ्त में आ चुके हैं, लंबे समय तक कोर्ट में फाइल चलेगी, बेटी के मां-बाप खून के आंसू पीकर रह जायेंगे और इस बीच न जाने कितनी बेटियां शिकार बन जाएंगी।

Advertisement
Advertisement