नारी को सम्मान व अधिकार दिए बिना समाज की तरक्की संभव नहीं : कोहाड़
नारनौल, 7 मार्च (निस)
प्रो .आर.सी. कोहाड़ ने कहा कि आज महिला दिवस के इस अवसर पर मैं अपने इस व्याख्यान का प्रारम्भ महात्मा गांधी की प्रसिद्ध उक्ति से करना चाहूंगा ‘किसी देश की परख वहाँ की महिलाओं को दिए गए सम्मान से की जानी चाहिए।’ 1910 में एक जर्मन महिला क्लारा जेटकिंन के प्रेरणादायक नेतृत्व में कोपेनहेगन से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस 8 मार्च 1977 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया, इससे पहले कई देशों ने अलग-अलग तारीखों तक इसे मानना शुरू किया था।
यह वह दिन है जब महिलाओं को समाज के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पहचाना और सम्मानित किया जाना चाहिए। वर्तमान समय में महिलाएं अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में समान काम के अवसरों के लिए और पुरुषों के समान, समान काम के लिए समान वेतन पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। एक शिक्षित महिला न केवल घर में बल्कि अपने बच्चों के विकास में भी योगदान देती है। वह उनके लिए एक उत्कृष्ट परामर्शदाता होने के अलावा उन्हें विभिन्न विषयों पर पढ़ाने और शिक्षित करने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम है। यदि महिलाओं को आर्थिक समानता प्रदान की जाती है तो 2025 तक भारत की जीडीपी में 16% की वृद्धि होगी। नारी को सम्मान और अधिकार प्रदान किए बिना, किसी भी समाज का, राष्ट्र का हित नहीं हो सकता, क्योंकि वह शक्ति का दूसरा नाम है। किसी ने ठीक ही कहा है - नारी तुम हो शक्ति राष्ट्र की, शत-शत तुम्हें प्रणाम।