अफगानिस्तान से सेना की वापसी अमेरिका के लिए सबसे अच्छा फैसला : बाइडेन
वाशिंगटन, 1 सितंबर (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि 20 साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाना अमेरिका के लिए ‘सबसे अच्छा और सही’ फैसला है। बाइडेन ने कहा कि ऐसा युद्ध लड़ने की कोई वजह नहीं है, जो अमेरिकी लोगों के ‘अहम राष्ट्रीय हितों’ में न हो। उन्होंने मंगलवार को व्हाइट हाउस से देश को दिए संबोधन में कहा, ‘मैं आपको वचन देता हूं कि पूरे दिल से मैं यह मानता हूं कि यह अमेरिका के लिए सही, विवेकपूर्ण और सबसे अच्छा फैसला है।’ उन्होंने कहा, ‘हम एक राष्ट्र के तौर पर युद्ध में बहुत लंबे वक्त तक रहे। अगर आप आज 20 वर्ष के हैं तो आप कभी नहीं जानते कि अमेरिका एक शांति प्रिय देश है। इसलिए जब मैंने सुना कि हमें अफगानिस्तान में अपने कर्मियों को जोखिम में डालते हुए अपने कमतर प्रयासों को जारी रखना चाहिए, तो मुझे नहीं लगता कि ज्यादातर लोग यह समझेंगे कि हमने इस देश के वर्दी पहनने वाले एक प्रतिशत लोगों से कितना कुछ मांगा जो हमारे देश की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाजी लगाने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने देशवासियों को बताया कि अफगानिस्तान में युद्ध अब समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि वह चौथे राष्ट्रपति हैं जिनके सामने इस युद्ध को कब और कैसे खत्म किए जाने का मुद्दा आया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहा था तो मैंने अमेरिकी लोगों से वादा किया था कि मैं इस युद्ध को खत्म कर दूंगा और आज मैंने वह वादा पूरा कर दिया। अफगानिस्तान में युद्ध के 20 वर्षों बाद मैंने अमेरिकी बेटों और बेटियों की एक और पीढ़ी को ऐसा युद्ध लड़ने के लिए भेजने से इनकार कर दिया जिसे पहले ही खत्म हो जाना चाहिए था।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘अगर आप एक लाख करोड़ डॉलर की संख्या लेते हैं जैसा कि कई लोग कह रहे हैं तो इसका मतलब है कि अमेरिका ने दो दशकों तक एक दिन में 15 करोड़ डॉलर खर्च किए। मैंने ऐसा युद्ध जारी रखने से इनकार कर दिया जो हमारे लोगों के अहम राष्ट्रीय हितों में नहीं रहा।’
बदल रही है दुनिया
बाइडेन ने कहा कि विश्व बदल रहा है और अमेरिका नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी चीन के साथ गंभीर प्रतिस्पर्धा है। हम रूस के साथ कई मोर्चों पर चुनौतियों से निपट रहे हैं। हमने साइबर हमलों और परमाणु प्रसार की चुनौतियों का सामना किया।’ उन्होंने कहा, ‘हमें 21वीं सदी के लिए प्रतियोगिता में इन नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए अमेरिका की प्रतिस्पर्धा की क्षमता को बढ़ाना होगा। पिछले दो दशकों में हमारे देश का मार्गदर्शन करने वाली विदेश नीति के पन्ने पलटने पर हमें अपनी गलतियों का पता चलता है।’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खतरा अफगानिस्तान के अलावा पूरी दुनिया में है।