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गोकुल सेतिया की एंट्री के साथ ही सिरसा कांग्रेस में बगावत शुरू!

10:13 AM Sep 04, 2024 IST
गोकुल सेतिया की एंट्री के साथ ही सिरसा कांग्रेस में बगावत शुरू
नयी दिल्ली में मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन करते गोकुल सेतिया।

चंडीगढ़, 3 सितंबर (ट्रिन्यू)
सिरसा विधानसभा सीट पर गोकुल सेतिया की कांग्रेस में एंट्री के साथ ही ‘बगावत’ के सुर उठने शुरू हो गए हैं। सेतिया ने मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान की अगुवाई में कांग्रेस की सदस्यता हासिल की। सेतिया के कांग्रेस में आते ही सिरसा सीट से टिकट के दावेदार नेताओं व अन्य वर्करों ने बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है।
इतना ही नहीं, गोकुल सेतिया की कांग्रेस में ज्वाइनिंग के साथ ही उनके कई फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इन फोटो में उनके आसपास दिख रहे कुछ लोगों के विवादित होने की बात कही गई है।
2019 में गोकुल सेतिया ने सिरसा विधानसभा हलके से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने हलोपा के गोपाल कांडा को कड़ी टक्कर दी थी। गोकुल सेतिया इस चुनाव में कांडा के मुकाबले 15 हजार के लगभग मतों से चुनाव हारे थे।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा अमरिंद्र सिंह वड़िंग के जरिये गोकुल सेतिया की कांग्रेस में एंट्री हुई है। उनके कांग्रेस में आने के बाद इस तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि उन्हें सिरसा सीट से चुनाव लड़वाया जा सकता है। इस ज्वाइनिंग के बाद सिरसा के कई कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

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टिकट मांग रहे लोग आहत

वहीं सिरसा से कांग्रेस टिकट की मांग कर रहे राजकुमार शर्मा भी इससे आहत हैं। सिरसा में कांग्रेस के सबसे पुराने नेताओं में शामिल रहे पंडित होशियारी लाल शर्मा के बेटे राजकुमार शर्मा अपने पुत्र मोहित शर्मा की टिकट की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस टिकट के लिए नवीन केडिया, वीरभान मेहता और अमीर चावला भी टिकट की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस तरह बाहर से लाकर नेताओं को टिकट दिया गया तो इसका पूरे प्रदेश में गलत संदेश जाएगा। माना जा रहा है कि सिरसा में हुई इस राजनीतिक घटनाक्रम के चलते आने वाले दिनों में बगावत की चिंगारी और भड़क सकती है।

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