गठबंधन टूटने के साथ ही जिले का प्रतिनिधित्व भी खत्म
मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 14 मार्च
प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के साथ ही सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व भी ख़त्म हो गया। विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा को जजपा के साथ समझाैता करना पड़ा था। जजपा के खाते से टोहाना से विधायक बने देवेंद्र बबली को मंत्री बनाया गया था। इससे पहले भी जिले का प्रतिनिध। कांग्रेस के हुड्डा मंत्रिमंडल में परमजीत सिंह कृषि मंत्री थे। गठबन्धन सरकार में टोहाना सबसे बडा सत्ता का केंद्र रहा है। एक समय में जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला तथा केबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली तीनों ही सत्ता के केंद्र में थे। उससे पहले टोहाना से ही हरपाल सिंह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व केंद्र में भी मंत्री रहे थे। देवेंद्र बबली अपनी कार्यप्रणाली के कारण पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नजदीक चले गए। मनोहर लाल खट्टर ने भी देवेंद्र बबली को पूरी अहमियत दी, जिस कारण बबली जिले में सबसे ज्यादा टोहाना में विकास करवाने में कामयाब रहे। जिले का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज भी टोहाना हलके में ले गए, जबकि मेडीकल कॉलेज की साइट के बोर्ड भी फतेहाबाद में लगाकर यहां के विधायक दूडा राम ने वाहिवाही लूट ली थीं। लेकिन साइट का बोर्ड लगा रह गया और मेडिकल कॉलेज टोहाना में बनना भी शुरू हो गया। जिस पर यहां के विधायक को विपक्ष के निशाने पर एक कमजोर विधायक के तौर पर आ गए।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बबली के राजनीतिक विरोधी सुभाष बराला को राज्यसभा में भिजवाकर बबली की भाजपा में एंट्री और भी आसान कर दी। नायब सिंह सैनी के विश्वास मत के लिए बुलाए गए विधनसभा के सेशन में जाकर देवेंद्र बबली ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए कि अब उनका जजपा से नाता बस इतना ही था।