Winter session of parliament ‘संसद की कार्यवाही में बाधा तो छुट्टी वाले दिन भी होगा काम’
नयी दिल्ली, 3 दिसंबर (एजेंसी)
Winter session of parliament लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को चेतावनी दी कि यदि सदन की कार्यवाही बाधित रहती है, तो 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर होने वाली चर्चा के अलावा शनिवार और रविवार (यानी छुट्टी वाले दिन) को भी बैठक आयोजित की जाएगी। यह निर्णय 2 दिसंबर को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ हुई बैठक में लिया गया था, जिसमें संविधान अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर चर्चा आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। बिरला ने कहा, ‘अगर सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही, तो आपको शनिवार और रविवार को भी बैठक करनी पड़ेगी।’ पिछले कुछ दिनों से सरकार और विपक्ष के बीच संसद में गतिरोध बना हुआ था, जिसमें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी। हालांकि, सोमवार को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक में यह गतिरोध समाप्त हुआ और संसद में कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की सहमति बनी।
संभल हिंसा : विपक्ष का वाकआउट
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर मंगलवार को सदन से वाकआउट किया। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे शून्यकाल में उठाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद, विरोध स्वरूप सपा और अन्य विपक्षी सांसदों ने बाहर जाने का निर्णय लिया।
किसानों को मुआवजा देने का सुझाव : राज्यसभा में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से पराली जलाने के मुद्दे को खास तवज्जो मिली। आप सांसद राघव चड्डा ने पराली जलाने का मामला उठाया और इसे किसानों की मजबूरी बताया। चड्डा ने प्रति एकड़ 2,500 रुपये मुआवजे की मांग की, ताकि समस्या का अल्पकालिक समाधान हो सके। चड्डा ने बताया कि किसानों के पास महंगी मशीनें खरीदने का खर्च नहीं है, जिसके कारण वे पराली जलाते हैं। भाजपा के बृजलाल ने धान की जगह मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की सलाह दी।
अडाणी मामले पर विरोध प्रदर्शन
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, आप, राजद, शिवसेना और अन्य दलों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की। राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारे लगाए। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।