दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे हिमाचल की कला और संस्कृति को
ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 20 अगस्त
केंद्रीय सूचना व प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने संकल्प लिया है कि वह अगले 10 सालों में हिमाचल की कला व संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे। अनुराग ठाकुर ने ये बात आज शिमला में कही। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से भी उनके साथ ये संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ियों तक ले जा सकें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल कला और संस्कृति के मामले में अत्यधिक समृद्ध है। फिर चाहे कांगड़ा की पेंटिंग हो, प्रदेश की नाटी हो या फिर किन्नौर और लाहौल स्पिति का मधुर संगीत हो। उन्होंने कहा कि हमारी कला व संस्कृति किस कद्र समृद्ध है इस बात का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि पड़ोसी देश में आज भी हिमाचल के विभिन्न स्थानों के नाम से गाने गाये जाते हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि उनका ये संकल्प पिछले लगभग दो सालों से उनके दिमाग में था लेकिन उन्होंने इसे सिरे चढ़ाने की अब शपथ ली है। अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा कि उनके पास अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय जैसा अहम विभाग है और वह टेलीविजन, सिनेमा तथा अन्य माध्यमों से भी हिमाचल की संस्कृति को देश दुनिया तक पहुंचाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी मिली है उससे वह खुश हैं और नैतिकता भी यही कहती है कि जिसे जो अवसर मिला हो उससे न्याय करके दिखाएं।
अनुराग ठाकुर ने प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि शिमला न केवल प्रदेश की राजधानी है बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी विश्वविख्यात है। ऐसे में यदि शिमला को खेल गतिविधियों का हब भी बनाया जाता है तो ये शिमला के आकर्षण में एक और सितारा होगा। उन्होंने कहा कि खेल किस कद्र किसी स्थान की अहमियत बढ़ा देते हैं इसका सबसे बड़ा उदाहरण धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम है। इस स्टेडियम के बनने से न केवल धर्मशाला में पर्यटन का चेहरा ही बदल गया है बल्कि अकेले स्टेडियम को देखने के लिए ही हर साल पांच लाख लोग पहुंचते हैं।
75 स्कूलों में जाएगा एक-एक ओलंपियन
अनुराग ठाकुर ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाला प्रत्येक खिलाड़ी अपने-अपने क्षेत्र में 75-75 स्कूलों में जाएगा और बच्चों को न केवल खेलों के लिए प्रोत्साहित करेगा बल्कि उनका उचित भोजन के बारे में भी मार्गदर्शन करेगा। ये वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने गए खिलाड़ियों से लिया है। उन्होंने ये भी कहा कि खेल संघ ही तय करें कि उनका मुखिया कौन बनेगा। उन्होंने कहा कि ये जरूरी नहीं कि सिर्फ खिलाड़ी ही खेल संघ का मुखिया बने क्योंकि एक अच्छा कोच जरूरी नहीं कि अच्छा खिलाड़ी भी हो। इसी तरह खेल संघ को खिलाड़ी ही अच्छी तरह से चलाए ये भी जरूरी नहीं है।