रेल मंत्री के समक्ष उठायेंगे मोहाली-राजपुरा ब्रॉडगेज लिंक का मुद्दा : रवनीत बिट्टू
लुधियाना, 16 जून (निस)
मोहाली-राजपुरा ब्रॉडगेज लिंक का काम का मुद्दा जल्द ही केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष उठाया जाएगा। यह लिंक पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को सराय बंजारा में नयी दिल्ली-अमृतसर मुख्य लाइन के सबसे छोटे लिंक में जोड़ेगा। लुधियाना में आज मीडिया को संबोधित करते हुए रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह लिंक पंजाब की लंबे समय से मांग है और यह राजपुरा-अंबाला के वर्तमान मार्ग से 55 किलोमीटर कम और मोहाली-मोरिंडा लिंक से बहुत छोटा होगा। इस लिंक का डीपीआर पहले 2016-17 में 312.53 करोड़ की परियोजना लागत के साथ तैयार किया गया था। चूंकि रिटर्न की दर नकारात्मक 5 प्रतिशत थी, इसलिए रेलवे बोर्ड ने 24 नवंबर, 2016 को मुख्य सचिव पंजाब को भेजे डीओ के जरिए इस नयी लाइन परियोजना के लिए लागत साझा करने और मुफ्त भूमि उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार से सहमति मांगी थी। चूंकि अब लगभग आठ साल बीत चुके हैं और बार-बार याद दिलाने के बावजूद पंजाब सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, इसलिए नयी डीपीआर या संशोधित डीपीआर बनाई जाएगी। संशोधित डीपीआर को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार के साथ साझा किया जाएगा।
अमृत भारत योजना में 30 स्टेशनों का पुनर्विकास
रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पंजाब में 30 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। ये स्टेशन हैं अमृतसर, आनंदपुर साहिब, नंगल डैम, रूपनगर, एसएएस नगर, बठिंडा, मानसा, कोटकपूरा, मोगा, सरहिंद, अबोहर, फाजिल्का, फिरोजपुर कैंट, मुक्तसर, गुरदासपुर, पठानकोट कैंट, पठानकोट शहर, होशियारपुर, फगवाड़ा, जालंधर कैंट, जालंधर शहर, फिल्लौर, ब्यास, कपूरथला, ढंडारी कलां, लुधियाना, पटियाला, धूरी, मालेरकोटला और संगरूर। इनमें से केवल पांच स्टेशन अमृतसर, ब्यास, बठिंडा, जालंधर शहर और पठानकोट कैंट मास्टर प्लानिंग चरण में हैं, बाकी 25 स्टेशनों पर काम प्रगति पर है, जिनकी कुल लागत 1103.27 करोड़ है। इस योजना के तहत स्टेशनों को 40 से 60 साल की अवधि के लिए मास्टर प्लान के साथ अच्छी तरह से डिजाइन किया जाएगा।