भाकियू 14 की मीटिंग में तैयार करेगी संघर्ष की रणनीति : डल्लेवाल
समराला, 5 दिसंबर (निस)
धान की पराली को संभालने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों पर सरकारों द्वारा अमल न करने पर किसानों में भारी रोष है। मीटिंग में इस तरह की अन्य मांगों के अलावा मुख्य रूप से बिजली के कंप्यूटर मीटरों को लगाने से रोकने को लेकर भी विचार किया जाएगा।
दिल्ली आंदोलन के दौरान अधूरी रही मांगों पर विचार करने को लेकर सरकार के विरुद्ध संघर्ष करने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) की एक आपात बैठक आज निकटवर्ती रामपुर के गुरुद्वारा में पार्टी अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल की अध्यक्षता में हुई। डल्लेवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों पर पराली जलाने के केस दर्ज किए हैं। उन्हें रद्द करवाने के लिए, बिजली सुधार बिल को वापस करवाने तथा अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 दिसंबर को लुधियाना में पार्टी नेताओं और अन्य कार्यकर्ताओं की महापंचायत बुलाई गई है। इसमें विस्तार से विचार विमर्श करने के बाद संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। इस महापंचायत में राज्य के सभी ब्लाकों और गांवों की यूनिटों के नेताओं की जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत माला के तहत किसानों की भूमि का औने-पौने दामों पर अधिग्रहण कर रही है, जिससे किसान बर्बाद हो रहा है। किसानों को सरकार द्वारा उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। उन्होंने पंजाब सरकार पर बरसते हुए कहा कि सरकार की नाकामी से पंजाब में नशा सरेआम बिक रहा है और राज्य की युवा पीढ़ी नशे में डूब रही है।