किसानों की सहमति के बगैर जमीन का अधिग्रहण नहीं होने देंगे : लक्खोवाल
समराला, 10 जून (निस)
भारतीय किसान यूनियन पंजाब (लक्खोवाल) की मासिक बैठक आज यूनियन के वरिष्ठ नेता अजमेर सिंह लक्खोवाल की अध्यक्षता में यूनियन के मुख्य कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में यूनियन के एग्जीक्यूटिव सदस्य और जिला प्रधान शामिल हुए। बैठक में खेती से जुड़े मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। प्रेस को जानकारी देते हुए अवतार सिंह मेहलों (सरपरस्त) और हरिंदर सिंह लक्खोवाल (प्रांतीय प्रधान) ने संयुक्त बयान में कहा कि पंजाब सरकार को किसी भी हाल में पंजाब की उपजाऊ हजारों एकड़ कृषि भूमि पर अर्बन स्टेट (नगरी परियोजनाएं) नहीं बनने दी जाएंगी। इसके खिलाफ बीकेयू (लक्खोवाल) की ओर से बड़ा संघर्ष किया जाएगा। किसी भी सूरत में लैंड पूलिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बिना उचित मुआवजे के किसान के लिए प्लॉट पर निर्माण कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि कृषि भूमि की जगह किसी नई, बेकार पड़ी जगह पर ऐसे प्रोजेक्ट लगाए जाएं या फिर किसान की मर्जी से उसे जमीन के बदले जमीन या मार्केट रेट के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाए और प्रोजेक्ट की समय-सीमा तय की जाए। यदि समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता है तो सरकार किसानों की जमीन वापस करे या पूरे भुगतान की जिम्मेदारी ले।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धान समेत अन्य फसलों के रेट में 3% की वृद्धि को किसानों ने शुरू से ही नकार दिया है। सरकार को चाहिए कि फसलों के दाम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ‘C2 + 50%’ फॉर्मूले के आधार पर तय किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत माला परियोजना के तहत पंजाब की जिन जमीनों का अधिग्रहण सड़कों के निर्माण हेतु किया जा रहा है, उनका मुआवजा तुरंत किसानों को दिया जाए। बिना मुआवजे के सरकार द्वारा की जा रही जमीनों के अधिग्रहण को तुरंत रोका जाए।