हरियाणा, पंजाब, यूटी, एनआईए से मिल करेंगे संगठित अपराध पर वार
चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिन्यू)
उत्तर भारत के राज्यों में संगठित आपराधिक सिंडिकेट एक्टिव है। कुछ अपराधियों के लिंक आतंकी संगठनों से भी जुड़े होने की सूचना है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास इसकी विस्तृत रिपोर्ट है। खतरे को भांपते हुए ही एनआईए से तीनों राज्यों – हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के साथ मिलकर सिंडिकेट से निपटने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इस कड़ी में शुक्रवार को पंचकूला में आला पुलिस अधिकारियों की अहम बैठक हुई।
एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, यूटी चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक प्रवीर रंजन विशेष रूप से मौजूद रहे। वहीं पंजाब में विशेष पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) आरएन ढोके, हरियाणा के सीआईडी चीफ आलोक मित्तल, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था हरियाणा) ममता सिंह, एनआईए आईजी विजय सखारे, पंजाब में आईजीपी (आंतरिक सुरक्षा) नीलभ किशोर, चंडीगढ़ के आईजी राज कुमार सिंह, एसटीएफ के डीआईजी सिमरदीप सिंह, एनआईए के डीआईजी अमित कुमार, एसटीएफ के एसपी वसीम अकरम भी मौजूद रहे।
एनआईए डीजी ने तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को कहा कि पुलिस बलों में आपसी सहयोग जरूरी है। तीनों राज्यों की पुलिस और खुफिया एजेंसियां अपराधियों को लेकर वास्तविक समय के साथ-साथ नियमित सूचना साझा करें। उत्तरी क्षेत्र में गैंगस्टर इको-सिस्टम के खिलाफ समन्वित कार्रवाई और संचालन के लिए एक सामूहिक संस्थागत तंत्र स्थापित करने का ऐलान भी इस बैठक में किया गया।
उन्होंने उत्तरी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय विभिन्न आपराधिक सिंडिकेट के समस्त नेटवर्क को सूचीबद्ध करने के लिए एनआईए और तीन पुलिस बलों के प्रतिनिधि अधिकारियों के साथ एक ‘संयुक्त लिस्टिंग समिति’ स्थापित करने का भी निर्णय लिया। इन क्षेत्रों में संगठित अपराधों और अपराधियों के मुद्दे के समाधान के लिए सभी हितधारकों की मासिक बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उत्तरी राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक सिंडिकेट/समूहों के लीडर और सदस्यों की गतिविधियों और उनसे जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में चल रही जांच पर भी चर्चा हुई। संगठित आपराधिक आतंकी सिंडिकेट के खतरे से निपटने के लिए एनआईए डीजी द्वारा संचालित यह दूसरी ऐसी बैठक थी।
उत्तरी राज्यों के लिए चिंता का विषय
अपराधियों और गैंगस्टरों के बीच बढ़ती साठगांठ, उनके अंतर-राज्य संबंध उत्तरी राज्यों के लिए चिंता का कारण बन गए हैं। इन आपराधिक गैंगस्टर-सिंडिकेट्स के पैदल सैनिक, रंगरूट आदि उत्तर भारत के राज्यों में फैले हुए हैं, जिनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा समन्वित प्रयास की जरूरत है। बैठक के दौरान विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने चल रही जांच में अपने निष्कर्ष और प्रगति के बारे प्रस्तुत दी।