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बुरा क्यों मानो, ट्रंप है

04:05 AM Mar 09, 2025 IST
बुरा क्यों मानो  ट्रंप है
चित्रांकन संदीप जोशी
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप होली खेल रहे हैं कई देशों के साथ। उनकी पिचकारी से टैरिफ की बौछार जारी है। होली की तरंग में मान सकते हैं कि वे ‘युनाइटेड स्टेट्स इंटरप्राइजेज लिमिटेड’ के चेयरमैन हैं। यह भी कि उनके लिए दुनिया के देश महज अलग-अलग प्लॉट हैं। पैसा उगाही कर रहे हैं देशों से, बिल भेज कर, हुक्मरानों को पसीने से तरबतर कर। दी गयी मदद वापस चाहिये। दुनिया के देश हैरत में हैं। होली आने वाली है तो ऐसे माहौल में व्यंग्यकार कैसे चुप रहे‍?

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आलोक पुराणिक ( आर्थिक मामलों के पत्रकार)

बुरा ना मानो, होली है, यह पुरानी बात है। नयी बात यह है कि बुरा ना मानो, ट्रंप है। वैसे बुरा ना मानकर भी कोई कर क्या लेगा।
होली के ठीक पहले ट्रंप की पिचकारी से टैक्स की बौछार हो रही है। इंडिया से इंपोर्ट पर इतने परसेंट टैक्स, कनाडा से इंपोर्ट पर इतने परसेंट टैक्स।
होली के पहले जैसा सलूक ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से किया, वैसा सलूक भारत में कुरताफाड़ होली में किया जाता है। जिससे होली खेली जाती है, उसका कुरता फाड़ दिया जाता है। कुरता उतरवा कर धर लिया जाता है। ट्रंप ने जेलेंस्की का कुरता उतरवा दिया, धऱ जा, बेटा, बहुत हथियार ले लिये, अब अपना कुरता पाजामा सब धर जा।

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ट्रंप धंधेवाले बंदे हैं। मुफ्त में कुछ ना देते। जो पहले दिया था कभी उसकी भी रकम मांग लेते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय को डरना चाहिए। ट्रंप बिल भिजवा सकते हैं कि मोदीजी जब अमेरिका में आये थे, तब दो कप चाय पी गये थे, और तीन टाइम का खाना भी खाया था, निकालो जी रकम निकालो।
ट्रंप ऐसे दुकानदार हैं, जो राष्ट्रपति हो गये हैं।
सब से वसूलेंगे। खौफ है जी, क्या क्या वसूलेंगे, किन किन से वसूलेंगे।
खौफ उन देशों में सबसे ज्यादा है, जिन देशों को खालिस मुफ्तखोरी का ही आसरा है।
पाकिस्तान अमेरिका से मांगता है, चीन से मांगता, और दुनिया के हर देश से मांगता है। पाकिस्तान के भूगोल विशेषज्ञ धऱती पर नये नये देशों की खोज करते ही इसलिए हैं कि नये नये देशों से भी उधार मांगा जा सके। नहीं उधार नहीं, अब भीख मांगते हैं पाकिस्तान के हुक्मरान। उधार तो वापस करना होता है भीख देकर वापसी की उम्मीद कोई नहीं कर सकता, ट्रंप के सिवा।

ट्रंप दी हुई भीख भी मांग सकते हैं। व्हाइट हाऊस के आसपास के तमाम भिखारी गायब हो गये हैं, इस डर से कि ट्रंप उनसे वो भीख वापस मांग सकते हैं, जो राष्ट्रपति बनने से पहले वो भिखारियों को दिया करते थे।
एक भिखारी ने दूसरे भिखारी से कहा, बुरा ना मानो, ट्रंप है। कुछ और ट्रंप कथाएं देखिये :-

ट्रंप कथा : एक
युनाइटेड स्टेट्स इंटरप्राइजेज लिमिटेड
मिसेज ट्रंप ने ट्रंप से कहा कि लाओ घऱ चलाने के लिए पैसे लाओ।
ट्रंप ने कहा क्यों दूं पैसे।
मिसेज ट्रंप ने कहा : घर चलाना है, फेमिली है, पैसे की जरूरत है।
ट्रंप ने कहा : जरूरत से पैसे नहीं मिलते, पैसे इस बात पर मिलते हैं कि तुम पैसे के बदले क्या दे रही हो।
मिसेज ट्रंप ने कहा : पूरा घर देखती हूं, घऱ चला रही हूं। कैसी बातें कर रहे हो, लो चाय पीओ और निकालो सौ डालर।
ट्रंप ने खुश होते हुए कहा : यस, यह हुई बात, तुम मुझसे चाय के, खाने के पैसे लिया करो, मुझे लगता है कि तुम बिलकुल मेरी तरह से सोचती हो, ग्रेट।
मिसेज ट्रंप ने इस तरह से ट्रंप से चाय के, खाने के, नाश्ते के पैसे लेने शुरू किये।
मिसेज ट्रंप एक दिन व्हाइट हाऊस के बाहर केक बनाकर बेचती हुई दिखीं, लोगों ने मिसेज ट्रंप के केक महंगे भावों पर खऱीदना शुरू कर दिये। आखिर को राष्ट्रपति की पत्नी से केक खऱीदने का गौरव हरेक को ना मिलता।
मिसेज ट्रंप केक बेचने लगीं। ट्रंप वसूली करने लगे।
ट्रंप कथा : दो
व्हाइट हाउस में रेस्टोरेंट
एक दिन पता लगा कि व्हाइट हाऊस में बोर्ड लग गया है-मां शेरांवाली रेस्टोरेंट।
पता लगा कि किसी भारतीय कारोबारी ने व्हाइट हाऊस खऱीद लिया और उसे रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया है।
लोगों ने पूछा ट्रंप से : यह क्या हुआ सर।
ट्रंप ने कहा कि इस सवाल का जवाब देने के लिए भी मुझे एक हजार डालर दो।
रिपोर्टर ने पूछा : सर क्या बात कर रहे हैं आप राष्ट्रपति हैं अमेरिका के।
ट्रंप ने पूछा : कहां का अमेरिका ,मैं तो इस कंपनी का चेयरमैन हूं।
रिपोर्टर ने गौर से देखा-ट्रंप के पीछे बोर्ड लगा था-चेयरमैन, युनाइटेड स्टेट्स एंटरप्राइजेज लिमिटेड-हर तरह का माल यहां खरीदा-बेचा जाता है।
ट्रंप कथा : तीन
इंडिया यानी थ्री साइड ओपन प्लाट
ट्रंप के सलाहकारों को दिक्कत आ रही है ट्रंप को दुनिया के बारे में समझाने में। कौन-सा देश क्या है, यह बात ट्रंप आसानी से न समझते।
इंडिया के बारे में ट्रंप को यूं समझाया गया :-
सर, इंडिया एक देश है।
ट्रंप : देश वेश कुछ नहीं है, दुनिया में बस प्लाट हैं। प्लाट भी दो तरह के हैं, एक प्लाट जिन पर ट्रंप अपार्टमेंट बने हैं और दूसरे प्लाट वो जिन पर अभी तक ट्रंप अपार्टमेंट नहीं बन पाये हैं।
सर इंडिया बहुत पुराना देश है।
ट्रंप : ओह यूं कहो पुराना प्लाट है।
सर इंडिया को यूं ही समझ लीजिये कि इंडिया बड़ा देश है, उसके तीन तरफ समुद्र है।
ट्रंप : ओह, समझ गया इंडिया ऐसा प्लाट है, जो तीन साइड से ओपन है।
सर इंडिया प्लाट नहीं है, इंडिया देश है देश।
ट्रंप : देखिये हम देश के हिसाब से नहीं समझते, हमें तो सिर्फ प्लाट समझ में आता है। जैसे पाकिस्तान किराये का प्लाट है, हम पैसे देते हैं और उसे यूज कर लेते हैं।
सर इंडिया इस तरह का प्लाट नहीं है।
ट्रंप : जो प्लाट नहीं है, उसे हम समझ नहीं सकते।
इसलिए ट्रंप अब भी इंडिया को समझ नहीं पा रहे हैं।
बुरा ना मानो, होली है।
बुरा क्यों मानो, ट्रंप है।

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