थोक महंगाई दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्च स्तर पर
नयी दिल्ली, 15 जुलाई (एजेंसी)
खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति जून महीने में बढ़कर 16 महीने के उच्च स्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह लगातार चौथा महीना है, जब थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत के स्तर पर थी। जून, 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी। थोक महंगाई दर फरवरी, 2023 में 3.85 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को बयान में कहा, ‘जून, 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल तथा अन्य विनिर्मित वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि है।’ आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही। आलोच्य महीने में फलों की मुद्रास्फीति 10.14 प्रतिशत, अनाज 9.27 प्रतिशत और दूध की महंगाई दर 3.37 प्रतिशत रही। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून, 2024 में थोक मुद्रास्फीति में वृद्धि व्यापक थी। ईंधन और बिजली को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रों में दाम बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि अनुकूल तुलनात्मक आधार के साथ-साथ वैश्विक जिंस कीमतों में कुछ नरमी के कारण जुलाई, 2024 में थोक मुद्रास्फीति लगभग दो प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।
सेंसेक्स सर्वकालिक श्िाखर पर निफ्टी का भी रिकॉर्ड
मुंबई (एजेंसी) : स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई का सेंसेक्स 145 अंक से अधिक की तेजी के साथ नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। निफ्टी भी नये शिखर पर पहुंच गया। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 145.52 अंक की बढ़त के साथ नये रिकॉर्ड स्तर 80,664.86 अंक पर बंद हुआ।