मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

कौन थे भारतीयों के पूर्वज, AIIMS और बर्कले विश्वविद्यालय के अध्ययन में हुआ खुलासा

12:23 PM Jun 27, 2025 IST
सांकेतिक फोटो। Thinkstock

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा)

Advertisement

DNA of Indians: आयु संबंधी अध्ययन के जरिए एकत्र किए गए आधुनिक वंशाणुओं (जीन) का विश्लेषण करते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अधिकतर भारतीय तीन पूर्वज समूहों के वंशज हैं - नवपाषाणकालीन ईरानी किसान, यूरेशियाई स्टेपी के पशुपालक और दक्षिण एशियाई शिकारी।

नवपाषाण काल वह समय था जब कृषि की शुरुआत हुई थी और मनुष्य ने पत्थर के औजारों का इस्तेमाल करना शुरू किया था। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (अमेरिका), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली तथा अन्य संस्थानों की टीम ने कहा कि यह अध्ययन इस बात को समझने में मदद करता है कि किस प्रकार ऐतिहासिक पलायन और सामाजिक संरचनाओं ने भारत की आबादी को आकार देने में मदद की, जो आनुवंशिक रूप से दुनिया में सबसे अधिक विविध आबादी है, फिर भी वैश्विक आंकड़ों में इसका प्रतिनिधित्व कम है।

Advertisement

लेखकों ने कहा कि ‘सेल' पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से यह भी पता चलेगा कि उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक आबादी ने किस प्रकार विभिन्न रोगों के प्रति संवेदनशीलता और उसके अनुसार अपने आप को ढालने की प्रक्रिया को विकसित किया।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले की वरिष्ठ लेखक प्रिया मूरजानी ने कहा, ‘‘यह अध्ययन हमें बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है कि प्राचीन पलायन, प्राचीन मानव संबंधों और सामाजिक संरचना ने भारतीय आनुवंशिक विविधता को कैसे आकार दिया है।''

विश्वभर के गैर-अफ्रीकियों में, भारतीयों में सबसे अधिक विविधता पाई गई, क्योंकि वे निएंडरथल के पूर्वज थे। निएंडरथल मानव के सबसे निकटतम विलुप्त पूर्वज थे, जो लगभग 4,00,000 से 40,000 वर्ष पूर्व यूरोप और दक्षिण-पश्चिम से मध्य एशिया में रहते थे।

अनुसंधान में यह भी पाया गया कि गैर-अफ्रीकी जनसंख्या में भारतीयों में सबसे अधिक आनुवंशिक विविधता है, और इनमें निएंडरथल पूर्वजों के जीन सबसे अधिक मात्रा में पाए गए।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सह-लेखक लॉरिट्स स्कोव ने कहा, ‘‘इससे हमें भारतीय व्यक्तियों से लगभग 50 प्रतिशत निएंडरथल जीनोम और 20 प्रतिशत डेनिसोवन जीनोम का पुनर्निर्माण करने की अनुमति मिली, जो किसी भी अन्य पिछले पुरातन वंशावली अध्ययन की तुलना में अधिक है।''

डेनिसोवन भी एक प्राचीन मानव प्रजाति थी जो मुख्यतः एशिया में पाई जाती थी और निएंडरथल से मिलती-जुलती थी। यह प्रजाति लगभग 20,000 से 50,000 साल पहले विलुप्त हो गई थी। इन दोनों प्राचीन मानव समूहों से विरासत में प्राप्त जीन का मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव होता है, जो यह समझने में सहायक हो सकता है कि भारतीय जनसंख्या किन रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया कि यह विश्लेषण दक्षिण और मध्य एशिया से प्राप्त प्राचीन डीएनए की सीमित उपलब्धता के कारण एक सीमा तक केंद्रित रहा।

Advertisement
Tags :
‘एम्सAmesAncestors of IndiansDNA of IndiansNeolithic Iranian farmersPastoralists of the Eurasian steppeSouth Asian hunter-gatherersUniversity of California Berkeleyकैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कलेदक्षिण एशियाई शिकारीनवपाषाणकालीन ईरानी किसानभारतीयों का डीएनएभारतीयों के पूर्वजयूरेशियाई स्टेपी के पशुपालक