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जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता और विधायक वहीं इंडिया गठबंधन का हारना इत्तेफाक नहीं

10:52 AM Jun 08, 2024 IST
जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता और विधायक वहीं इंडिया गठबंधन का हारना इत्तेफाक नहीं
कैथल में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष अनुराग ढांडा, गज्जन सिंह और सतबीर गोयत। -हप्र
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कैथल, 7 जून (हप्र)
कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और आप के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता की हार पर आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता और विधायक हैं, वहां से इंडिया गठबंधन का हार जाना इत्तेफाक नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि यदि हम हरियाणा की बात करें तो जो भाजपा पिछली बार 10 सीटों पर जीती थी, वो इस बार 5 सीटों पर सिमट गई। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन भाजपा को सभी 10 सीटों पर बुरी तरह हरा सकता था, लेकिन कुछ वजह ऐसी रही जिस कारण भाजपा काे 5 सीटों पर बढ़त मिल गई। यदि ये बढ़त लोगों के समर्थन से मिली होती तो बात समझ में आती और यदि उसकी वजह भीतरघात हो तो उसकी समीक्षा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ये यकीन कर पाना संभव नहीं है कि कैथल में रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के इतने बड़े और राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं और कहते हैं कि कैथल में उनका सिक्का चलता है।
अपने बूथ पर भी हार गए सुरजेवाला
अनुराग ढांडा ने कहा कि ये समझ आता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में वे मुुश्किल परिस्थितियों में 500-700 वोटों से रह गए थे, लेकिन ये समझ नहीं आता कि भाजपा के खिलाफ विरोधी लहर होने के बावजूद, कैथल के कैंपेन का प्रतिनिधित्व करने वाले रणदीप सुरजेवाला के क्षेत्र में इंडिया गठबंधन 17 हजार वोटों से पीछे कैसे रह गया और सुरजेवाला अपना बूथ भी नहीं बचा पाए। दूसरी तरफ थानेसर में अशोक अरोड़ा पिछले विधानसभा चुनाव में 500 वोट से हारे थे। यदि उनके क्षेत्र में गठबंधन 18 हजार वोट से हार जाए तो ये सब इत्तेफाक नहीं हो सकता। रादौर में और लाडवा में कांग्रेस के विधायक हैं। अनुराग ढांडा ने कहा कि क्या गजब इत्तेफाक है कि जहां-जहां कांग्रेस के विधायक और कदावर नेता थे, उन्हीं विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन हार जाता है। गुहला चीका, कलायत, पिहोवा और शाहाबाद में कांग्रेस के नेता नहीं थे, वहां पर गठबंधन जीत दर्ज कर लेता है। इसको समझने के दो तरीके हो सकते हैं, या तो ये मान लिया जाए कि रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा का कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं रहा और लोगों ने इनको पूरी तरह से नकार दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी इस बात से निराशा है कि ये जो भीतरघात जिस तरीके से हुआ है उसका खामियाजा कहीं न कहीं भुगतना पड़ा है।
इस मौके पर उनके साथ आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष सरदार गज्जन सिंह, शिक्षा प्रकोष्ठï के प्रदेश उपाध्यक्ष सतबीर गोयत आदि भी उपस्थित थे।

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