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बेटी पैदा होने पर नर्स ने ठुकराये मिठाई के पैसे तो छेड़ी सोच बदलने की मुहिम

08:22 AM Jan 24, 2025 IST
बेटी पैदा होने पर नर्स ने ठुकराये मिठाई के पैसे तो छेड़ी सोच बदलने की मुहिम
अपनी बेटियों के साथ सेल्फी विद डॉटर के जनक सुनील जागलान। -हप्र
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सेल्फी विद डॉटर के जनक सुनील जागलान ने साझा की अभियानों की गाथा

दलेर सिंह/हप्र
जींद (जुलाना), 23 जनवरी
विश्व के कई देशों तक अपनी पहचान बना चुके सेल्फी विद डॉटर अभियान के पीछे की कहानी बेहद अनूठी है। इस ग्लोबल कैंपेन के जन्मदाता हैं जुलाना उपमंडल के गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान। सुनील जागलान ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके अभियानों से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश में न केवल 9 बार उनके नाम का जिक्र कर चुके हैं, बल्कि केंद्र व राज्य सरकारों ने जागलान द्वारा छोटे स्तर पर आरंभ किए गए करीब एक दर्जन से ज्यादा अभियानों को अपनी मुहिम, योजना तथा मिशन बनाकर जनता में पेश किया है।
दो बेटियों के पिता सुनील जागलान ने शुक्रवार को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को बताया कि 24 जनवरी 2012 को अस्पताल में उनकी बेटी का जन्म हुआ तो अस्पताल की एक नर्स के चेहरे के भाव बड़े अजीबो-गरीब थे। अस्पताल से छुट्टी के समय उन्होंने जब नर्स को मिठाई बांटने के लिए दो हजार रुपये दिए तो नर्स ने यह कहते हुए लेने से इनकार कर दिया कि अगर बेटा होता तो हम यह ले सकते थे। आप केवल 100 रुपए ही दे दीजिए। इस घटनाक्रम के बाद सुनील जागलान ने समाज की बेटियों के प्रति सोच बदलने तथा उन्हें गौरव दिलाने की दिशा में कई प्रयास किए, जो बेहद सफल हुए हैं। उनकी बेटी का नाम नंदिनी है।

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खाप पंचायतों के समानांतर की लाडो पंचायत

जागलान बताते हैं कि सबसे पहले वे गांव के स्वास्थ्य केंद्र गये। वहां रजिस्टर में चेक किया तो पता चला कि बीबीपुर गांव का लिंगानुपात बहुत खऱाब है। फिर उन्होंने गांव में ही देश की पहली महिला ग्राम सभा की, जिसमें पता चला कि कोख में लड़के की चाह में कन्या भ्रूण हत्याएं होती हैं। फिर बेटी बचाओ अभियान को जन आंदोलन के रूप में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गांव में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए खाप पंचायत की, जिसमें इतिहास में पहली बार महिलाओं ने भाग लिया। इसके बाद खाप पंचायतों के समानांतर लाडो पंचायत का आयोजन किया गया। भारतीय संसद द्वारा भी लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के संबंध में विचार रखने के लिए लाडो पंचायत को आमंत्रित किया गया। सुनील जागलान ने बताया कि महिला ग्राम सभाओं के माध्यम से जहां देशभर में यह अभियान चलाया वहीं बीबीपुर को देश की पहली महिला हितैषी ग्राम पंचायत भी बनाया। अब देशभर के सैकड़ों गांवों को इस अभियान के साथ जोड़ा जा रहा है।

बेटी की फोटो से आया सेल्फी विद डॉटर का आइडिया

9 जून 2015 को जब नंदिनी मोबाइल से सेल्फी ले रही थी तो सेल्फी विद डॉटर का आइडिया आया। सुनील जागलान ने बेटी नंदिनी के साथ इंटरनेट मीडिया पर सेल्फी अपलोड की तो वह खूब वायरल हुई, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देखकर जन आंदोलन बनाने के लिए प्रेरित हुए। आज यह अभियान बड़ा अभियान बन चुका है। 6 जुलाई, 2015 को घर के बाहर सुनील जागलान सरपंच व पिता मास्टर ओमप्रकाश जागलान का नाम हटाकर बेटी नंदिनी के नाम की प्लेट लगाई गई। दस साल के भीतर करीब 50 हजार नेम प्लेट ऐसी लग चुकी हैं। विभिन्न राज्य सरकारों ने इस अभियान को आत्मसात किया है। सुनील जागलान बताते हैं कि मैं भी वहीं आम पुरुष हूं, जो पितृसत्ता देखते व महसूस करते हुए बड़ा हुआ था। मैं भी कभी नहीं बदलता, अगर नंदिनी मेरी जिंदगी में विभिन्न तरह के अहसास के साथ नहीं आई होती। वह पैदा हुई तो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का अहसास पैदा हुआ। सेल्फी विद डॉटर का अभियान अब भारत समेत 70 देशों में फैल चुका है। यह सब कोई जादू नहीं है। बतौर जागलान मुझे एहसास हुआ तो मैं बदल गया, जिस दिन दूसरे पुरुषों को अहसास होगा तो वह बदल जाएंगे।

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पिता की मुहिम को आगे बढ़ा रही बेटी

सुनील जागलान ने पितृसत्ता में बेटियों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अब तक 75 अभियान चलाए हैं। वहीं इन अभियानों के रूप में सुनील की सत्ता में उनकी बेटी नंदिनी भी अब भागीदार बन गई हैं। जागलान ने अपने इस सफर के दौरान गाली बंद घर, पीरियड चार्ट, मेनोपॉज क्लासेज फॉर मैन जैसे अभियान शुरू किए, वहीं उनकी बेटी नंदिनी अब अपने स्तर पर गाली मुक्त स्कूल व फर्स्ट पीरियड स्माइल जैसे अभियान चलाकर अपनी हम उम्र लड़कियों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

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