विधानसभा स्पीकर ने रद्द किया नोटिस तो कांग्रेस ने दायर की याचिका
चंडीगढ़, 11 जुलाई (ट्रिन्यू)
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकीं पूर्व मंत्री किरण चौधरी अभी तोशाम से विधायक बनी रहेंगी। विधानसभा से फिलहाल तो किरण को राहत मिल गई है लेकिन उनकी सदस्यता पर तलवार लटकी रहेगी। 18 जून को किरण ने कांग्रेस छोड़कर 19 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। लेकिन उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। कांग्रेस के चीफ व्हिप भारत भूषण बतरा और विधानसभा में विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने 19 जून को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को चिट्ठी लिखकर किरण को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
इसके बाद कांग्रेस की ओर से स्पीकर को रिमाइंडर भी दिया गया। बृहस्पतिवार को स्पीकर ने कांग्रेस के नोटिस को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कांग्रेस की ओर से कोई याचिका नहीं मिली। साथ ही, उन्होंने कहा कि नोटिस से किसी भी विधायक की सदस्यता रद्द नहीं होती। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को ही किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर स्पीकर के पास याचिका दायर कर दी। अब स्पीकर इस याचिका पर कानूनी राय लेंगे।
कांग्रेस की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा है कि दल-बदल कानून के तहत जब भी कोई विधायक दूसरी पार्टी मेंश् शामिल होता है तो उसे सदस्यता छोड़नी होती है। किरण चौधरी ने ऐसा नहीं किया है। यह दल-बदल कानून का उल्लंघन है। आफताब अहमद और बीबी बतरा ने याचिका में कहां कि दूसरे दल में शामिल होने के बाद भी तोशाम विधायक द्वारा वेतन-भत्तों और सरकारी सुविधाओं का लाभ लिया जा रहा है। यह कानूनन पूरी तरह से गलत है। इधर, स्पीकर ने नोटिस को रद्द करते हुए कहा कि यह मांग विधानसभा के ‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम-1986’ की कसौटियों पर खरी नहीं उतरी। इसे तकनीकी आधार पर निरस्त किया है। विधानसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख याचिका दायर की जाती है। कांग्रेस नेताओं ने मात्र एक नोटिस भेजकर किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी। ‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986’ में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि किसी विधायक की सदस्यता खत्म करने की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
विशेषज्ञों से कराया नोटिस का परीक्षण
विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कांग्रेस नेताओं की ओर से प्राप्त नोटिस का विशेषज्ञों से परीक्षण करवाया है। इस दौरान पाया गया कि यह यह नोटिस नियमों की कसौटियों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। कांग्रेस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि किरण चौधरी 2019 के विधान सभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भिवानी जिले के तोशाम निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुईं और 18 जून को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अगले दिन 19 जून को वे भाजपा में शामिल हो गईं। कांग्रेस नेताओं ने किरण चौधरी की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए इस्तीफे की प्रति भी साथ संलग्न की। कांग्रेस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया कि संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1) (ए) के अनुसार अगर किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित सदस्य स्वेच्छा से पार्टी छोड़ देते हैं तो वे सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाते हैं।