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जब अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के लिए जनसभा से देवीलाल ने कर दिया था इनकार

10:25 AM Sep 09, 2024 IST
जब अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के लिए जनसभा से देवीलाल ने कर दिया था इनकार
मांगे राम गुप्ता, बृज मोहन सिंगला
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 8 सितंबर
जींद हलके के नाम ऐसा अनोखा रिकॉर्ड है, जो प्रदेश में किसी दूसरी विधानसभा सीट पर आज तक नहीं टूटा है। यह रिकॉर्ड है, लोकदल के उस प्रत्याशी की जीत का, जिसके लिए चुनाव प्रचार करने से खुद पार्टी मुखिया पूर्व सीएम चौधरी देवीलाल ने साफ मना कर दिया था। इस विधानसभा सीट पर तब कड़े मुकाबले मुकाबले में लोकदल के बृजमोहन सिंगला ने कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता को महज 146 मतों के अंतर से पराजित किया था। जींद विधानसभा सीट पर 1982 के इस मुकाबले को लोग आज तक नहीं भूले हैं। 1982 में पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल और उनकी पार्टी लोकदल के पक्ष में चुनावी हवा थी। लोकदल ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन में जींद विधानसभा सीट से लोकदल की टिकट महज 32 साल के बृजमोहन सिंगला को मिली थी। बृजमोहन सिंगला को लोकदल की टिकट पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के कोटे से मिली थी। वे चौधरी देवीलाल की पसंद नहीं थे। जींद में बृजमोहन सिंह का मुकाबला भजनलाल सरकार के तत्कालीन मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी मांगेराम गुप्ता से था। मांगेराम गुप्ता 1977 में जींद से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक बने थे। 1980 में चौधरी देवीलाल की सरकार को गिराकर जब भजनलाल प्रदेश के सीएम बने, तब मांगेराम गुप्ता उनकी सरकार में मंत्री बने थे।
1982 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता और लोकदल के बृजमोहन सिंगला आमने-सामने हुए तो लोकदल के स्थानीय नेताओं ने पूर्व सीएम और पार्टी मुखिया चौधरी देवीलाल से कई बार अनुरोध किया कि वह जींद में बृजमोहन सिंगला के लिए चुनावी प्रचार करने के लिए आएं, लेकिन चौधरी देवीलाल ने जींद में बृज मोहन सिंगला के लिए चुनाव प्रचार करने से साफ मना कर दिया था। 1982 के विधानसभा चुनाव के चश्मदीद जींद के वरिष्ठ एडवोकेट कैलाश गुप्ता बताते हैं कि चौधरी देवीलाल 1982 के चुनाव में जब जुलाना विधानसभा क्षेत्र के बीबीपुर गांव में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए आए थे, तब जींद से चौधरी देवीलाल के कट्टर समर्थक और मांगेराम गुप्ता के कट्टर विरोधी कामरेड रामकिशन समेत पार्टी के कई नेता चौधरी देवीलाल के पास पहुंचे थे। उन्होंने चौधरी देवीलाल से अनुरोध किया था कि वह जींद में एक बार आकर केवल एक सभा बृजमोहन सिंगला के पक्ष में कर दें, तो बृजमोहन सिंगला की जीत हो जाएगी। कैलाश गुप्ता बताते हैं कि तब चौधरी देवीलाल ने कहा था कि बृजमोहन सिंगला मेरी बला से बेशक हार जाए, मैं उनके लिए प्रचार नहीं करूंगा। उस समय कड़े चुनावी मुकाबले में लोकदल प्रत्याशी बृजमोहन सिंगला ने कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता को महज 146 मतों के अंतर से पराजित किया था। उस चुनाव में बृजमोहन सिंगला को 27045, मांगेराम गुप्ता को 26899 वोट मिले थे। निर्दलीय रामचरण को 1036 वोट मिले थे। उस समय मतगणना के दौरान जबरदस्त तनाव हुआ था। 1982 की मतगणना के गवाह रहे जगत सिंह रेढू बताते हैं कि तब मतगणना केंद्र के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी। लोगों को इस बात का डर था कि सरकार के दबाव में एसडीम बहादुर सिंह कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता को विजेता घोषित कर सकते हैं। एसडीएम बहादुर सिंह ने सरकार की बात नहीं सुनी थी और बृजमोहन सिंगला को 146 मतों के अंतर से विजेता घोषित किया था।

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