जमाखोरी रोकने, कीमतों पर अंकुश लगाने को गेहूं भंडारण की सीमा घटायी
नयी दिल्ली, 8 दिसंबर (एजेंसी)
सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण फर्मों के लिए गेहूं का भंडार (स्टॉक) रखने के मानदंडों को सख्त कर दिया। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय पांच टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1,000 टन होगी। उन्होंने कहा कि गेहूं का प्रसंस्करण करने वालीं कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के बाकी महीनों के अनुपात में मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत रख सकती हैं। चोपड़ा ने कहा,‘गेहूं के कृत्रिम अभाव की स्थिति को रोकने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है। संशोधित स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी।’
25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं बेचने की तैयारी
सरकार गेहूं की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर नियंत्रण के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत जनवरी-मार्च, 2024 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का 25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं बेचने को तैयार है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘जरूरत के आधार पर ओएमएसएस के अतंर्गत जनवरी-मार्च, 2024 में अतिरिक्त 25 लाख टन गेहूं बेचा जा सकता है।’ मुक्त बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए एफसीआई द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से साप्ताहिक रूप से बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा को तत्काल प्रभाव से तीन लाख टन से बढ़ाकर चार लाख टन कर दिया गया है।