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होई है सोई जो घरवाली रचि राखा

06:52 AM Apr 25, 2024 IST
होई है सोई जो घरवाली रचि राखा
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शमीम शर्मा

महिलाओं द्वारा बोला जाने वाला सबसे बड़ा झूठ यह है कि वे बात-बात में कह देती हैं कि इनसे पूछना पड़ेगा जबकि सब जानते हैं कि घरों में चलती किस की है। होई है सोई जो घरवाली रचि राखा, क्यूं करै तर्क बढ़ावै साका। बाहर भले ही मर्द तुर्रम खां बनते हों पर घर में पत्ता नहीं हिला सकते। या यूं कहो कि वे घर आकर अखबार और टीवी में इतने मग्न हो जाते हैं कि पत्ता हिलाने का ख्याल तक नहीं आता। खैर, यह शोध का विषय है कि ‘वोट किसे देंगी’ सवाल पर महिलाएं यह क्यों कहती हैं कि इनसे पूछना पड़ेगा, इसमें कितनी सच्चाई है।
वोट के बारे में महिलाएं किससे पूछती हैं इस बात का तो किसी को पक्का पता नहीं पर नेताओं को तो अब सारी जनता जनार्दन से पूछना पड़ेगा कि वे किसे वोट देंगे। हम पायेंगे कि लोग जरा भी आभास नहीं होने देंगे कि उनका रुझान किधर है। वे औरतें भी टस से मस नहीं होंगी जिनके पेट में कोई बात नहीं पचती, चाहे पेट में कितना ही बड़ा गोला उछल रहा हो।
इस तथ्य का किसी को पक्का नहीं पता कि महिलाएं अपनी पसन्द पर वोट देती हैं या पति अथवा पिता की हिदायत के अनुसार। गांवों में तो आज भी नवयुवतियां अपने जीवनसाथी के चुनाव पर राय नहीं दे सकती, वोट की बात तो कोसों दूर है। घर का मुखिया व्हिप जारी कर देता है और सब उसका अनुसरण करते हैं। यह कोई प्रेम-विवाह नहीं होता कि घर के मुखिया के खिलाफ जाने की सोचें और मुखिया कहे- जाना है तो जाओ मनाएंगे नहीं, नखरे किसी के उठाएंगे नहीं। पर राजनेता अपने वोटर को इस तरह की चेतावनी देने का जोखिम नहीं उठा सकते। वे तो हाथ-पैर जोड़कर, भुला-चपरा कर, मीठी गोलियां लुटाकर और आखिर में नोट-दारू से ललचाकर जैसे-तैसे अपने हक में बटन दबवाने की लाख कोशिश करते हैं। यह सुख और मान-मनुहार तो श्रीकृष्ण की गोपियों को भी नहीं मिलता होगा।
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एक बर की बात है अक नत्थू अर रामप्यारी मैं इस बात नैं लेकै तकरार होगी अक अपणे छोरे नैं आप्पां डाक्टर बणावांगे अक इंजीनियर। नत्थू के जी मैं थी अक छोरा डाक्टरी की पढाई करकै गांव मैं क्लिनिक खोल्लैगा तो नोट बरसैंगे। रामप्यारी सोच्या करती अक छोरा इंजीनियर बण ग्या तो सीधा अमरीका मैं ए धूम मचा देगा। दोनुआं मैं इसे मुद्दे पै जूतमजूत होगी तो पड़ौसी कट्ठे होगे अर बात का निपटारा करण की मारी बोल्ले- छोरा कित है, थम उसतैं बुलाकै बूझ ल्यो अक वो के बणैगा? नत्थू गुस्से मैं बोल्या- बूझ तो जद ल्यूं ना जद वो हो, इब्बे तो वो पैदा होणा है।

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