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हाथ नहीं तो क्या, हौसलों से साधे स्वर्णिम निशाने

09:05 AM Dec 17, 2023 IST
आशीर्वाद देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो

हरेंद्र रापड़िया/ हप्र
सोनीपत, 16 दिसंबर

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‘मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’ बिना बाजुओं के जन्मीं कुमारी शीतल देवी ऐसे ही हौसले की मिसाल हैं। उन्होंने दिव्यांगता को ही अपनी ताकत बना लिया और एक के बाद एक लक्ष्यों को भेधती चली गईं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकमात्र ‘आर्मलेस’ तीरंदाज शीतल आज वर्ल्ड नंबर-1 रैंक हासिल कर युवाओं की रोल मॉडल बन चुकी हैं। हाल ही में रियाद, सऊदी अरब में आयोजित समारोह में 16 वर्षीय शीतल को एशिया की सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट अवॉर्ड-2023 से सम्मानित किया गया। पैर से तीर चलाने वालीं शीतल ने शनिवार को नयी दिल्ली में 'खेलो इंडिया पैरा खेलों' के कम्पाउंड वर्ग के ओपन वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के छोटे से गांव लोइधर की शीतल ‘फोकोमेलिया’ नामक बीमारी के साथ पैदा हुईं, जिसकी वजह से जन्म से ही उनके दोनों बाजू नहीं हैं। एकबारगी परिवार के सदस्य सदमे में चले गये। मगर समय बीतता गया और वह परिवार की दुलारी बन गईं। पिता मान सिंह छोटे किसान थे, तो मां शक्ति देवी घर पर ही भेड़-बकरियां पालती थीं। धीरे-धीरे शीतल ने अपनी दिव्यांगता को ताकत बना लिया और रोजमर्रा के काम पैरों से करने लगीं। फिलहाल 11वीं में पढ़ रहीं शीतल का पढ़ना-लिखना भी पैरों से ही होता है।
शीतल ने सोनीपत प्रवास के दौरान दैनिक ट्रिब्यून से खास बातचीत में बताया कि एक बड़ा लक्ष्य लेकर 2022 में वह माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, कटरा की तीरंदाजी अकादमी में कोच कुलदीप और उनकी पत्नी कोच अभिलाषा चौधरी से मिलीं। तीरंदाजी सीखने की इच्छा जताई तो पति-पत्नी उसे कोचिंग देने के लिए तैयार हो गये।
बकौल शीतल उनके कोच कुलदीप ने उनकी शारीरिक अवस्था को देखते हुए खुद लोहार की दुकान पर जाकर उसके लिए खास डिवाइस कस्टमाइज किया। इसके बाद वह पैरों, कंधों और मुंह के सहारे धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर लक्ष्य भेधने लगीं। वर्ष 2022 के अंत में सोनीपत स्थित साई सेंटर में राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी में शीतल ने पहला मेडल जीता। कंपाउंड कैटेगरी में खेलने वालीं शीतल ने मई 2023 में चेक रिपब्लिक में आयोजित वर्ल्ड रैंकिंग टूर्नामेंट में एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीतकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार शुरुआत की। जुलाई 2023 में चेक रिपब्लिक में ही सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने पैरालंपिक 2024 पेरिस के लिए क्वालीफाई किया।

पैरा एशियन में मचाई धूम : चीन के हांगझोऊ शहर में अक्तूबर 2023 में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में शीतल ने दो गोल्ड और एक सिल्वर पर निशाना साधा। चीन से लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतल से विशेष मुलाकात की।

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आशीर्वाद देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो

हाथों से तीरंदाजी करने वालों को दे रहीं शिकस्त कोच अभिलाषा ने बताया कि शीतल दुनिया की एकमात्र आर्मलेस तीरंदाज हैं। शीतल रोजाना करीब 8 घंटे मैदान में कड़ा अभ्यास करने वालीं शीतल की यह अभी शुरुआत ही है। पूरा विश्वास है कि वह पेरिस पैरालंपिक 2024 में देश को कई मेडल दिलाएंगी। शीतल कहती हैं कि इंसान जन्म से पूर्ण नहीं होता, मगर कड़े परिश्रम से अपनी कमियों को पूरा कर परिपूर्ण हो सकता है। 13 दिसंबर को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो शूट करके लौटीं शीतल अमिताभ बच्चन से मिलकर खासी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि शो का प्रसारण 30 या 31 दिसंबर को होगा।

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