सीखना क्या चाहते हैं, शिक्षा का फोकस इसी पर : मोदी
नयी दिल्ली, 30 जून (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा की भविष्योन्मुखी नीतियों और निर्णयों का परिणाम है कि आज भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक पहचान बढ़ रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि छात्र सीखना क्या चाहते हैं, जबकि पहले ध्यान इस बात पर दिया जाता था कि छात्रों को पढ़ाया क्या जाए।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर, प्रौद्योगिकी संकाय भवन और अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला भी रखी। पीएम ने कहा, 'आप सभी के सामूहिक प्रयासों से नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार हुई है और छात्रों को यह बड़ी सुविधा मिली है कि वह अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'साल 2014 में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में केवल 12 भारतीय विश्वविद्यालय होते थे लेकिन आज यह संख्या 45 हो गई है।' दिल्ली विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल एक विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि एक आंदोलन है। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो की सवारी की। गौर हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना एक मई 1922 को हुई थी। पिछले 100 वर्षों में विश्वविद्यालय का काफी विस्तार हुआ है और अब इसमें 90 कॉलेज और 86 विभाग हैं।