For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पिता की गालियां छुड़वाने वाली प. बंगाल की राईहाना को बेस्ट सेल्फी विद डॉटर अवार्ड

07:40 AM Jun 10, 2025 IST
पिता की गालियां छुड़वाने वाली प  बंगाल की राईहाना को बेस्ट सेल्फी विद डॉटर अवार्ड
Advertisement

हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 9 जून (हप्र)
‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान के दस वर्ष पूरे होने पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में आज एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल समेत 17 राज्यों की लड़कियों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया।
मदवि के यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम, डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस, वूमेन स्टडी सेंटर और सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय पुनर्वास परिषद की चेयरपर्सन डॉ.शरणजीत कौर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने समारोह की अध्यक्षता की।
दसवें सेल्फी विद डॉटर दिवस के अवसर पर मदवि में आयोजित समारोह के दौरान सेल्फी विद डॉटर पंचायत अवार्ड मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गोटे गांव खेड़ा की पंचायत को दिया गया है। गोटे गांव खेड़ा की पंचायत ने कुल 27 पंचायतों को पछाड़ते हुए यह सम्मान हासिल किया।
यह कार्यक्रम कन्या भ्रूण हत्या रोकने व गाली बंद घर अभियान को समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रचारित सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरुआत 9 जून, 2015 को जींद जिला से हुई थी। इस अवसर पर सुनील जागलान ने ऐलान किया कि 11वें वर्ष के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में कन्या भ्रूण मर्डर रोकने व गाली बंद घर अभियान को गति दी जाएगी।
समारोह के दौरान मदवि के कुलपति डॉ. प्रो.राजबीर सिंह, आरसीआई की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर ने संयुक्त रूप से गोटे गांव खेड़ा की सरपंच प्रियंका को सम्मानित किया। सरपंच प्रियंका ने गांव में पैदा होने वाली हर लड़की की फोटो सेल्फी विद डॉटर पर अपलोड की। उन्होंने अपने गांव में महिला हितेषी कई योजनाओं को लागू किया।
बेस्ट सेल्फी ऑफ द ईयर का अवार्ड नोएडा की खुशी पुत्री शीतल को दिया गया है। उसकी माता ने अपने बल पर खुशी का पालन पोषण करके सफल महिला उद्यमी बनाया। खुशी सिंगल मदर चाइल्ड है और कुछ समय पहले तक धारा प्रवाह गालियां देती थी। दो साल से सेल्फी विद डॉटर के साथ जुड़कर काम कर रही हैं और अब 70 फीसदी तक गालियों पर नियंत्रण आ गया है।
पश्चिम बंगाल की राईहाना ने अपने पिता की गालियां को बंद करवाने का अभियान अपने ही घर में चलाया हुआ है। उसके माता-पिता बातचीत में भी गालियों का प्रयोग करते थे। राईहाना ने बताया कि यह एक मानसिक रोग है। अब 60 प्रतिशत तक उसके पिता का गालियों पर नियंत्रण हो गया है।
मूल रूप से दिल्ली निवासी और अब इंग्लैंड में रहने वाली रमिका पुत्री सुनीता इस साल की तीसरी विजेता हैं। रमिका सामाजिक आर्थिक व शैक्षणिक क्षेत्र में कार्य करने वाले नेशनल यूथ आर्ट ट्रस्ट यूके की निदेशक हैं। वह इंगलैंड में सेल्फी विद डॉटर का प्रचार कर रही हैं। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि आरसीआई की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर ने कहा कि इस अभियान ने दिव्यांग लड़कियों को अपना हिस्सा बनाकर नई पहचान दी है। कार्यक्रम में मदवि के कुलपति प्रो.राजबीर सिंह ने कहा कि महिला को जितना ज्यादा सशक्त बनाएंगे, समाज उतना सशक्त बनेगा।
कार्यक्रम में मदवि के रजिस्ट्रार कृष्णकांत ने स्वयं रचित कविता सुनाकर सभी को भावुक कर दिया। यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम की निदेशिका प्रो. अंजू धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। महिला अध्ययन केंद्र की निदेशिका प्रो. शालिनी सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बारे प्रकाश डाला। चीफ कंसल्टेंट, यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम प्रो. राजकुमार ने आभार जताया। गार्गी और मोनिका ने मंच संचालन किया।
इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, डीन सीडीसी प्रो. विनीता हुड्डा, विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, गैर शिक्षक कर्मी, विद्यार्थी व अन्य उपस्थित रहे।

Advertisement

इन्होंने साझा की जिंदगी की कहानियां

कार्यक्रम में दिव्यांग रिदम, बीडीपीओ मोनिका, महाराष्ट्र के सेवाग्राम की पूर्व सरपंच सुजाता, हरियाणा की सोनिया ढांडा, मध्य प्रदेश के देवास गांव के सरपंच रोहित तिवारी और मेवात की अंजूम इस्लाम ने अपनी जिंदगी की कहानियां साझा की।

Advertisement
Advertisement
Advertisement