Well done : गुकेश ने PM मोदी के 'यंग इंडिया' को किया साकार, तो AICF अध्यक्ष नितिन नारंग भी सबसे कम उम्र में बने अध्यक्ष
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 15 दिसंबर।
केंद्र व हरियाणा सरकार की बेहतर खेल नीतियों के कारण देश-प्रदेश के युवा दुनिया में धाक जमा रहे हैं। हर खेल में चैंपियन निकल रहे हैं। भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने शतरंज में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। वहीं अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग भी हरियाणा के हैं। वे सबसे कम उम्र में एआईसीएफ अध्यक्ष बने हैं।
अध्यक्ष और खिलाड़ी दोनों ही युवा हैं और दोनों उभरते भारत की तस्वीर बयां करते हैं। गुकेश ने मात्र 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता और दुनिया में भारत का परचम लहराया है। सबसे कम उम्र के इस चैंपियन अपने कौशल और बुद्धि का शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया का दिल जीत लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'यंग इंडिया' के नारे को साकार किया है।
पीएम मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने डी गुकेश को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज प्रतियोगिता में 14 गेम के मैच में चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। पीएम मोदी ने गुकेश को विश्व चैंपियनशिप जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह ऐतिहासिक और अनुकरणीय है। गुकेश की जी युवाओं को प्रेरणा देगी। ‘उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। देश के नौजवान युवा भारत का सपना साकार कर रहे हैं। भारत में फेडरेशन (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग 35 वर्ष की उम्र में फेडरेशन के अध्यक्ष बने हैं।
चेस ग्रैंडमास्टर बने
18 की उम्र में जब बच्चे स्कूल पास कर रहे होते हैं, जब ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि आगे करना क्या है। उनका पैशन क्या है। उस छोटी उम्र में भारत के डोम्माराजु गुकेश ने इतिहास रच दिया है। वो शतरंज की दुनिया यंगेस्ट चैंपियन बन गए हैं।
गुकेश पहले शख्स हैं, जिसने इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीत ली और चेस ग्रैंडमास्टर बन गए। विश्वनाथन आनंद के बाद भारत को ये खिताब दिलाकर शतरंग के खिलाड़ी ने ऐसा कारनामा किया है कि हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।