Wedding Rituals: यूं ही नहीं अंगूठी से भरा जाता दुल्हन की मांग में सिंदूर, कारण है बेहद खास
चंडीगढ़, 5 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Wedding Rituals: भारतीय शादी अपनी पारंपरिक रस्मों के कारण अपने आप में खास होती हैं। भारतीय समाज में शादी की रस्मों के दौरान दुल्हन की मांग भरी जाती है, जो कि हिंदू विवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सात फेरों के बाद अंगूठी या सिक्के से सिंदूरदान की रस्म निभाई जाती है, जिसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण है।
सिंदूर को औरत के सुहाग की निशानी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर भरते समय अंगूठी का का इस्तेमाल का इस बात का प्रतीक है कि वर वधू के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियोंं का पालन करेगा। वहीं सिक्का समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
वहीं, सुर्ख लाल सिंदूर ऊर्जा, शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और यह बुरी शक्तियों से दूर रखता है। सिंदूरदान के समय दूल्हा दुल्हन को वचन देता है कि वह जीवनभर उसकी रक्षा करेगा और हर कदम पर उसका साथ निभाएगा।
सिंदूर भरने की परंपरा क्यों महत्वपूर्ण है?
हिंदू धर्म में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार, सिंदूरदान की रस्म से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है इसलिए यह रस्म बहुत खास मानी जाती है।
सिंदूर लगाने का धार्मिक महत्व
ऐसा कहा जाता है कि सोने की अंगूठी भगवान विष्णु की प्रिय धातु है और दुल्हन को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है इसलिए अंगूठी से उनकी मांग भरी जाती है। इससे जीवन में आर्थिक स्थिरता भी आती है। अंगूठी से मांग भरना सौभाग्य को भी बढ़ावा देते है।