Weather Update: मौसम ने ली करवट, पंजाब-हरियाणा तेज बारिश, चंडीगढ़ में 119 MM वर्षा दर्ज
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 29 जून (एजेंसी)
Weather Update: उत्तर भारत के कई हिस्सों में रविवार को हुई भारी बारिश ने मौसम का मिज़ाज बदल दिया। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भारी वर्षा दर्ज की गई, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
चंडीगढ़ में पिछले 24 घंटों में 119.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि हरियाणा के अंबाला में 91 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा फिरोज़पुर, मोहाली, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट और रूपनगर जैसे पंजाब के शहरों में भी बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी।
हरियाणा के रोहतक, गुरुग्राम, कैथल, नूंह और पंचकूला में भी अच्छी बारिश हुई है, जिससे दिन के तापमान में गिरावट देखी गई।
मौसम विभाग ने 30 जून और 1 जुलाई को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की भविष्यवाणी की है। इस दौरान कुछ स्थानों पर गरज-चमक और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में भारी वर्षा, जबकि कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
दिल्ली में बादल छाए, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली में रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.1 डिग्री कम है। आईएमडी ने शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और अनुमान जताया है कि आज दिनभर बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ मध्यम बारिश हो सकती है। शहर के पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व इलाकों में शनिवार को बारिश हुई, जिससे मानसून के आगमन की उम्मीदें तेज हो गई हैं, हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में मानसून ने दस्तक दी, नौ दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया मानसून
दिल्ली में मानसून सामान्य तिथि 27 जून के दो दिन बाद पहुंच गया और देश के शेष हिस्सों में यह सामान्य तिथि आठ जुलाई से नौ दिन पहले फैल चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून पूरे देश में इतनी जल्दी फैल चुका है।
आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। इसकी वापसी उत्तर पश्चिम भारत से लगभग 17 सितंबर से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक यह पूरी हो जाती है। इस वर्ष मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो भारतीय उपमहाद्वीप में इसका 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव तंत्रों के कारण मानसून अगले कुछ दिनों तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र तथा पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया। हालांकि इसके बाद मानसून के आगे बढ़ने की गति लगभग 18 दिनों तक (29 मई से 16 जून तक) स्थिर रही।
बाद के दिनों में मानसून धीरे-धीरे देश के शेष हिस्सों में पहुंचा, लेकिन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इसके आगमन में देरी हुई। इसकी वजह इस क्षेत्र में सक्रिय प्रतिचक्रवातीय हवाएं थीं, जिन्होंने मानसूनी धाराओं के प्रवाह में बाधा डाली।