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अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कड़े फैसले लेंगे : सुक्खू

07:10 AM Sep 03, 2024 IST
शिमला में सोमवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू मानसून सत्र के लिये विधानसभा पहुंचते हुए। -प्रेट्र

शिमला, 2 सितंबर (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार अगले 6 महीने में और कड़े फैसले लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता नजर आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अभी 125 यूनिट फ्री बिजली को वापस नहीं लिया है। वे सोमवार को विधानसभा में विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पूर्व की भाजपा सरकार पर तंज कसा और कहा कि उन्होंने पांच साल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क करके रख दिया। अब राज्य सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कड़े फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी 6 महीने में जयराम सरकार ने मुफ्त बिजली और पानी देने की घोषणा की। बावजूद इसके लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास जताया और चुनाव में भरी मतों से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जयराम सरकार ने 1000 प्राइमरी स्कूल खोल दिए और 300 अस्पताल खोल दिए।
वहां पर न तो शिक्षकों की भर्ती की और न डॉक्टरों की नियुक्ति की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, पहले दिन से सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में जिन लोगों को सब्सिडी पर बिजली की जरूरत नहीं है उन्हें भी सब्सिडी दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने 14 विभिन्न तरह की सब्सिडी दी है। एक भवन में अगर आठ मीटर हैं तो सभी आठ मीटर पर सब्सिडी की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार यह करने जा रही है कि एक भवन में एक मीटर पर ही सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली सितंबर से उद्यमियों या फाइव स्टार होटल मालिकों को प्रति यूनिट एक रुपए सब्सिडी दी जाती थी, उसे विद-ड्रॉ कर लिया गया है।

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खैर को जड़ से न काटने पर करेंगे विचार

विधायक विवेक शर्मा के सवाल मुख्यमंत्री ने बताया कि खैर का कटान उसकी मोटाई के हिसाब से होता है। उन्होंने कहा कि खैर को जड़ से न काटा जाए, इस पर विचार किया जाएगा। इससे पूर्व, विधायक ने कहा था कि खैर को जड़ से नहीं काटा जाना चाहिए और कुटलैहड़ एरिया में ज्यादा से ज्यादा खैर के पेड़ लगाएं, जिससे सरकार को भी फायदा हो रहा है। वहीं निजी जमीन पर लोगों को भी फायदा मिल रहा है।

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