हमने मध्य वर्ग, ईमानदार करदाता की आवाज सुनी : सीतारमण
नयी दिल्ली, 2 फरवरी (एजेंसी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि बजट में मध्य वर्ग को कर राहत के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द सहमत हो गये थे, लेकिन वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों को इसके लिए मनाने में थोड़ा समय लगा। सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा, हमने मध्य वर्ग की आवाज सुनी, जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किए जाने की शिकायत कर रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा, ‘जैसा कि अब्राहम लिंकन के शब्दों में लोकतंत्र के बारे में कहा जाता है, यह लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का बजट है।’ सीतारमण ने कहा कि नयी दरें मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी लाएंगी और उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा, जिससे घरेलू खपत, बचत तथा निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस बड़ी घोषणा के पीछे की सोच को समझाते हुए कहा कि कर कटौती पर कुछ समय से काम चल रहा था। प्रत्यक्ष कर को सरल और अनुपालन में आसान बनाने की दिशा में काम जुलाई, 2024 के बजट में शुरू हो गया था। अब एक नया कानून तैयार है, जो कानून की भाषा को आसान बनाएगा, अनुपालन बोझ कम करेगा और उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स के दायरे को बढ़ाने का प्रयास जारी है। देश में फिलहाल करीब 8.65 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जाते हैं। रिटर्न दाखिल न करने वाले, लेकिन टीडीएस देनदारी वाले लोगों को जोड़ने के बाद यह संख्या बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो जाती है।
वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक व्यक्तिगत करदाता नयी कर व्यवस्था को अपना सकते हैं। फिलहाल यह आंकड़ा लगभग 75 प्रतिशत है।