भविष्य में प्यास बुझाने के लिए हमें आज जल बचाना होगा : दीपक कुमार
कैथल, 6 फरवरी (हप्र)
बृहस्पतिवार को जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा राजौंद बीडीपीओ सभागार में एकदिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला करवाई गई। कार्यशाला में राजौंद खंड के सभी सरपंचों, पंचों, ग्राम सचिवों व स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन को सुदृढ़ करना था। कार्यशाला की अध्यक्षता कनिष्ठ अभियंता राहुल कैरों ने की व दीपक कुमार बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। जिला सलाहकार दीपक ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता 1.486 घन मीटर रह गई है, जो जल संकट की स्थिति की ओर इशारा करती है। अगर जल संरक्षण के प्रभावी उपाय नहीं अपनाए गए तो 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्धता से दोगुनी हो सकती है। कनिष्ठ अभियंता राहुल कैरों ने ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के रखरखाव के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। विभाग के रसायनज्ञ सुभाष चंद ने जल की गुणवत्ता व जांच के लिए फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) के बारे में बताया। बीआरसी विष्णु शर्मा ने ग्राम जल एवं स्वच्छता कमेटी के कर्तव्यों के बारे में बताया। प्रोजेक्टर पर पानी बचाने की छोटी छोटी वीडियो दिखाकर जल संरक्षण का संदेश दिया गया। विक्रम सिंह ने बताया कि कैथल जिले में राजौंद व गुहला को डार्क जोन के तौर पर चयनित किया गया है, जिनमें अटल भूजल योजना के तहत जल संरक्षण के कार्य करवाये जा रहे हैं। दीपक ने बताया कि कलायत खंड में 10 फरवरी को 29 सरपंचों, 116 पंचों, 29 ग्राम सचिवों व 29 स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण दिया जाएगा।