वॉटर वेपर थेरेपी से किया जटिल प्रोस्टेट से पीड़ित वृद्ध का इलाज
चंडीगढ़, 25 जुलाई (हप्र)
बढ़े हुए प्रोस्टेट (बीपीएच) से पीड़ित एक 73 वर्षीय व्यक्ति की किडनी खराब हो गई थी, जिसके लिए एकयूरीनरी कैथेटर भी डाला गया था। ऐसे हालात के मरीज को फोर्टिस हॉस्पिटल में वॉटर वेपर थेरेपी (रेजम) के माध्यम से एक नया जीवन दिया गया। यह थेरेपी एक दर्द रहित डे-केयर प्रक्रिया है जो उच्च जोखिम वाले रोगियों या युवा रोगियों को दी जाती है, जो अपनी प्रजनन क्षमता को संरक्षित करना चाहते हैं। दीर्घकालिक प्रभाव पारंपरिक प्रक्रिया के समान हैं। रोगी को स्ट्रोक भी हुआ था और वह हृदय रोग भी पीड़ित थे, जिसके लिए उनकी कार्डियक स्टेंटिंग की गई थी और उन्हें रक्त पतला करने वाली दवा दी जा रही थी। बीपीएच के इस मामले में सर्जरी की आवश्यकता थी। क्योंकि यह एक उच्च जोखिम वाला मामला था। इसलिए सर्जरी कराना उनके लिए जानलेवा हो सकता था। मरीज ने आखिरकार इस साल मई में फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के कंसलटेंट डॉ. रोहित डधवाल से संपर्क किया।
गहन जांच के बाद, रोगी के लिए वॉटर वेपर थेरेपी (रेजुम) की योजना बनाई गई। इस प्रक्रिया में एक विशेष हाथ से पकड़े जाने वाले रेडियोफ्रीक्वेंसी उपकरण के माध्यम से प्रोस्टेटिक पैरेन्काइमा के अंदर वॉटर वेपर को इंजेक्ट करना होता है। पूरी प्रक्रिया में लगभग पांच मिनट का समय लगता है और मरीज को कैथेटर पर छुट्टी दे दी जाती है, जिसे एक सप्ताह के बाद हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रोस्टेट ऊतक को काटने की आवश्यकता नहीं होती है।