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Water Crisis : पंजाब विधानसभा में BBMB और हरियाणा के खिलाफ प्रस्ताव पास, 4 हजार क्यूसिक से अतिरिक्त पानी नहीं

06:59 PM May 05, 2025 IST

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 5 मई।
Water Crisis : पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से साफ इंकार कर दिया है। बेशक, मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पानी की आपूर्ति जारी रहेगी, लेकिन अतिरिक्त साढ़े चार हजार क्यूसिक पानी हरियाणा को नहीं मिलेगी। मान सरकार के इस फैसले पर पंजाब के सभी राजनीतिक दल सहमत हैं। सोमवार को पंजाब विधानसभा में एक दिन के विशेष सत्र में इस संदर्भ में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया।

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यह विशेष सत्र बुलाया ही बीबीएमबी के पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे विवाद को लेकर बुलाया गया था। सत्र के दौरान आप विधायक अमृतपाल सिंह सुखानंद ने बीबीएमी के हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के आदेशों की प्रति भी फाड़ दी। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा 2021 में बनाए गए डैम सेफ्टी एक्ट को भी मानने से इंकार कर दिया है।

दिनभर चली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सभी दलों ने कहा कि भाखड़ा डैम पंजाब की सीमा में बना है, इसलिए डैम की सुरक्षा को लेकर किसी तरह के भी नियम का पालन करना या नियम बनाना पंजाब सरकार के अधीन होना चाहिए। पंजाब का हरियाणा के साथ पिछले कई दिनों से भाखड़ा डैम जल विवाद चल रहा है। हरियाणा 8500 क्यूसिक पानी की मांग कर रहा है।

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सदन की कार्यवाही के दौरान जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी दिए जाने के आदेशों को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया। साथ ही, डैम सेफ्टी एक्ट-2021 को रद्द करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह सीमा ने कहा कि केंद्र में चाहे किसी भी राजनीतिक दल की सरकार रही हो, लेकिन पंजाब के ऊपर पानी को लेकर हमेशा से हमला होता रहा है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार गंभीरता के साथ पंजाब के जल विवाद की लड़ाई लड़े तो कांग्रेस पूरी तरह से सरकार का समर्थन करेगी। बाजवा ने कहा कि इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ते हुए सरकार हाईकोर्ट ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक जाए और जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की जाए। कांग्रेस पार्टी इस मामले में सरकार के साथ खड़ी है। विधानसभा में करीब 5 घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा होती रही।

विशेष सत्र के अंत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान ने हरियाणा व केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए साफ किया कि अभी तक मानवता के आधार पर हरियाणा को पानी दिया जा रहा है, अगर जबरदस्ती की गई तो इस पानी को भी बंद कर दिया जाएगा। नियम अनुसार हरियाणा अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल कर चुका है। भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पंजाब के रास्ते से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं जा रहा है। इस समय सारे पानी की खपत पंजाब में हो रही है।

पास हुए ये प्रस्ताव
1. पंजाब अपने हिस्से का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देगा। मानवता के आधार पर हरियाणा को दिया 4000 क्यूसिक पानी आपूर्ति जारी रहेगी।

2. बीबीएमबी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। बोर्ड में स्वायत्ता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इसलिए बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए तय किए गए नियमों के अनुसार पंजाब को उसमें प्रतिनिधित्व दिया जाए।

3. सतलुज, ब्यास और रवि नदियां केवल पंजाब से बहती हैं। 1981 में जो जल समझौता हुआ था तब इसमें जितना पानी था आज उतना पानी नहीं रहा है। ऐसे में इन नदियों से पानी के बंटवारे के लिए नई संधि बनाई जाए।

4. भाखड़ा डैम से किस राज्य को कितना पानी दिया जाना है, इसके बारे में 1981 की जलसंधी में स्पष्ट लिखा है। बीबीएमबी को इसे बदलने का कोई अधिकार नहीं है। अगर बीबीएमबी कोई भी फैसला लेता है तो वह असंवैधानिक होगा।

5. डैम सेफ्टी एक्ट-2021 के प्रस्ताव को केंद्र सरकार वापस ले। पंजाब सरकार को यह एक्ट स्वीकार नहीं है। डैम पंजाब की सीमा में है। इसलिए पंजाब सेफ्टी ऐक्ट बनाएगा।

6. बीबीएमबी में मीटिंग बुलाने के नियम तय हैं। लेकिन केंद्र के दबाव ओर हरियाणा को लाभ पहुंचाने के लिए बीबीएमबी ने बगैर एक सप्ताह को नोटिस दिए बैठकें की है। सदन बीबीएमबी को निर्देश देता है कि बैठक बुलाने के नियमों का पालन हो।

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