मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Water Crisis : हरियाणा को आवंटित हिस्से से 17 प्रतिशत कम मिल रहा पानी, प्रदेश इकाई मान के फैसले से सहमत नहीं

09:03 PM May 03, 2025 IST

दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 मई।
Water Crisis : पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर की तरह अब भाखड़ा डैम से पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्या आमने-सामने आ गए हैं। रोचक पहलू यह है कि इन दोनों ही मुद्दों पर पंजाब के राजनीतिक एक हैं। हरियाणा की भी सभी पार्टियों ने इसी तरह की एकजुटता दिखाई है। रोचक पहलू यह है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी की स्टेट यूनिट भी पंजाब में अपनी ही सरकार और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के फैसले से सहमत नहीं है।

Advertisement

ताजा पानी विवाद के मुद्दे पर शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में हुई ऑल पार्टी मीटिंग में सभी ने मिलकर इस मुद्दे का हल निकालने का निर्णय लिया। अहम बात यह है कि बैठक में पास किए गए प्रस्ताव में एसवाईएल के मुद्दे को भी शामिल किया है। बाद में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ सुशील गुप्ता सहित सभी दलों के नेताओं ने सुर में सुर मिलाया।

सर्वदलीय बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने पिछले 10 सालों के आंकड़े प्रस्तुत कर जल वितरण की जानकारी सांझा की। इसके बाद सभी नेताओं ने विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान सभी नेताओं ने हरियाणा में पीने के पानी के संबंध में उभरे जल संकट पर चिंता व्यक्त की और पंजाब द्वारा हरियाणा के हिस्से के पानी को रोकने को असंवैधानिक बताया। सभी नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भ्रामक प्रचार कर रही है।

Advertisement

हरियाणा कोई अतिरिक्त पानी की मांग नहीं कर रहा है और न ही पंजाब के हिस्से का पानी मांग रहा है। हरियाणा तो उसे हर साल मिलने वाले पानी के अपने हिस्से को पूरा देने की मांग कर रहा है, जोकि अभी पंजाब द्वारा गैर-कानूनी तरीके से रोक दिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना कि हरियाणा ने अपने कोटे का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है, यह प्रचार भी गलत है। सच्चई यह है कि डैम के पानी में कोई कोटा नहीं होता, बल्कि डैम में पानी की उपलब्धता के आधार पर राज्यों को पानी का वितरण तय किया जाता है। ह

रियाणा द्वारा अपने पानी के हिस्से को पूरा मांगने से न तो पंजाब का पानी कम हो रहा है और न ही डैम में पानी कम हो रहा है। सभी नेताओं ने एक मत से कहा कि हरियाणा की जनता के हित में और उसके हिस्से का पूरा पानी लेने के लिए हम हरियाणा सरकार के साथ हैं। पिछले 10 सालों में पंजाब व हरियाणा को दिए गए पानी का ब्यौरा देते हुए नायब सैनी ने कहा कि पंजाब ने हर साल अपने हिस्से से काफी ज्यादा पानी का उपयोग किया है।

बहकर पाकिस्तान जाता है पानी
सैनी ने कहा कि 2016 से 2018 तक डैम का जल स्तर सबसे कम रहा। वहीं इस समय जल स्तर उन वर्षों से कहीं ज्यादा है। वर्ष 2019 में जल स्तर 1623 था, उस समय 0.553 एमएएफ पानी ज्यादा हो गया था। उसे फेंकना पड़ा था। ये बहकर पाकिस्तान चला जाता है। इससे पहले 2015 और 2016 में भी पानी फेंकना पड़ा था। हमें लगभग 8500 क्यूसिक पानी मिलता रहा है। राज्यों की मांग हर 15 दिन में कम या ज्यादा होती है। इसे बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी तय करती है।

पहले भी मिलता रहा पानी : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाखड़ा डैम में पानी का लेवल कम होते हुए भी हरियाणा को पानी मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार धक्केशाही पर उतर आई है। कांग्रेस पूरी तरह से हरियाणा सरकार के साथ है। बीबीएमबी में हरियाणा के स्थाई सदस्य की जरूरत है। स्थाई सदस्य नहीं होने की वजह से ही आज यह स्थिति पैदा हुई है। पानी पर हरियाणा का अधिकार है और यह मिलना ही चाहिए। डैम का पानी अकेले पंजाब का नहीं है बल्कि यह राष्ट्र की संपत्ति है।

मान ने मुझे दिया था आश्वासन
प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा- पानी रोकने के बाद मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को फोन किया। इस पर मान ने भरोसा दिलाया था कि वे इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश देंगे और तुरंत पानी रिलीज होगा। सैनी ने कहा कि इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने पंजाब के सीएम को पत्र लिखा। 48 घंटों में भी पत्र का जवाब देने की बजाय भगवंत मान ने वीडियो जारी करके पानी देने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही बिना तथ्यों को जनता को गुमराह किया।

जानिए क्या-क्या बोले हरियाणा के मुख्यमंत्री
-मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब हर साल अपने हिस्से से अधिक पानी इस्तेमाल कर रहा है। एसवाईएल नहीं बनने के कारण भी हरियाणा अपने आवंटित हिस्से यानी 3.5 एमएएफ के मुकाबले केवल 1.62 एमएएफ पानी का इस्तेमाल कर पा रहा है।
-नायब सैनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री सस्ती राजनीतिक लोकप्रियता के लिए यह सब कर रहे हैं। हरियाणा के हिस्से के सिंचाई का पानी मिलना तो दूर पंजाब की सरकार ने पीने का पानी भी रोक दिया है। प्रदेश के कई जिलों में पेयजल संकट गराया हुआ है।
-जल बंटवारे पर पंजाब की सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है। केंद्र के निर्देशों को भी नहीं माना जा रहा। एसवाईएल का फैसला सुप्रीम कोर्ट में आ चुका है लेकिन पंजाब सरकार इसे भी मानने को तैयार नहीं है। स्पष्ट है कि मान सरकार टकराव की राह पर है।
-मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पानी केवल पंजाब या हरियाणा का नहीं है। हरियाणा, पंजाब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहता है। हमें एक-दूसरे के हितों का सम्मान करना चाहिए।
-उन्होंने कहा कि पंजाब, पाकिस्तान बॉर्डर से लगा राज्य है। इस राज्य की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। सर्वदलीय बैठक में हमने निर्णय लिया है कि हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने हम की लड़ाई लड़ेंगे। यदि मान सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो हम भारत के संविधान में दिए गए प्रावधानों का इस्तेमाल कर अपने हक की रक्षा करेंगे।
- मान सरकार से अपील करते हैं कि वे हरियाणा के साथ प्यार और भाईचारा का रास्ता अपनाएं। मान साहब का रवैया गुरुओं की शिक्षा के अनुरुप नहीं है। गुरु नानक देव ने सदियों पहले मानव मात्र को किरत करो, नाम जपो का पाठ पढ़ाया। गुरु गोबिंद सिंह जी ने पूरे भारत से पंच प्यारों का चयन कर एक राष्ट्र को एक होने की प्ररेणा दी थी। मान साहब गुरुओं की परम्परा भूल गए हैं।

झूठा है मान सरकार का दावा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कहा गया है कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी 31 मार्च तक ही इस्तेमाल कर चुका है। इस सवाल पर नायब सैनी ने पंजाब सीएम के दावे को खारित करते हुए कहा कि ये पूरी तरह से झूठ है। बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने अप्रैल-2025 के लिए पानी का आवंटन किया था। मान सरकार ने इसे रोका है।

2022 से लेकर 2024 तक अप्रैल और मई महीने में हरियाणा के कान्टेक्ट प्वाइंट पर 9 हजार क्यूसिक पानी से कम पानी नहीं दिया गया। मई महीने में डैम से जो पानी आता है, वह पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली और राजस्थान पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। हरियाणा को आने वाले पानी में से 800 क्यूसिक राजस्थान, 400 क्यूसिक पंजाब, 500 क्यूसिक नई दिल्ली को जाता है।

हम हरियाणा के हितों के साथ : सुशील गुप्ता
आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने पंजाब द्वारा पानी रोकने का विरोध किया। ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि हम पंजाब का पानी नहीं मांग रहे हैं। हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए।  हरियाणा के हितों के लिए वे सरकार के साथ खड़े हैं। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए। पानी बंटवारे का काम केंद्र सरकार का है।

10 वर्षों में डैम में यह रहा वाटर लेवल
वर्ष लेवल आपूर्ति
2016 1557.75 09312
2017 1542.28 09266
2018 1533.04 08135
2019 1623.64 10183
2020 1587.55 09489
2021 1522.02 08378
2022 1561.09 09780
2023 1567.96 09633
2024 1565.26 10062
2025 1555.77 -----

(नोट : डैम में पानी का लेवल फुट में है और हरियाणा में हुई आपूर्ति क्यूसिक में है। ये आंकड़े मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सर्वदलीय बैठक में भी रखे।)

Advertisement
Tags :
Aam Aadmi PartyBhupinder Singh HoodaCM Bhagwant Manncm nayab sainiDainik Tribune newsharyana newsHindi Newslatest newsPM Narendra Modisushil guptaSYLwater crisisWater Crisis ControversyWater Crisis Rowदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूज