शिमला शहर में पानी हुआ महंगा
शिमला, 4 अप्रैल (हप्र)
चुनाव की बेला पर प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राहत देने के बजाए शिमला शहर का पानी महंगा कर दिया है। यही नहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कूड़ा शुल्क और प्रॉपटी टैक्स की दरें बढ़ने के बाद शहरवासियों को एक और झटका लगा है। कांग्रेस की सरकार केवल मात्र जनता को परेशान करने वाली सरकार है।
सरकार ने शहर में पानी की दरें 10 फीसदी बढ़ाने के कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से शिमला शहर को 35 हजार उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। शहर में कुल 25 हजार घरेलू और करीब 10 हजार व्यावसायिक और निर्माण उपभोक्ता हैं। इन्हें अब पानी का ज्यादा बिल चुकाना होगा।
इस बीच भाजपा प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने पूछा है कि मुफ्त पानी देने के बजाय पानी की दों बढ़ाने की आवश्यकता क्यों पड़ गई, यह समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को बृहस्पतिवार से पानी के बिल मिलना शुरू हो जाएंगे। बिहारी ने कहा कि शहर में पानी के बिलों को लेकर मंगलवार को शहरी विधायक हरीश जनारथा ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बात की थी। विधायक ने पानी की दरें न बढ़ाने की मांग की थी। यह तो एक बार फिर साफ हो गया कि वर्तमान मुख्यमंत्री अपने विधायकों की सुनते ही नहीं हैं। अब तो शिमला शहरी के विधायक की भी नहीं सुन रहे हैं।
भाजपा हर बूथ पर कल मनाएगी स्थापना दिवस
बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि 6 अप्रैल को भाजपा हर बूथ पर स्थापना दिवस मनाएगी। इसमें प्रत्येक बूथ पालक अपने पालकीय बूथ पर इस कार्यक्रम का आयोजन बूथ अध्यक्ष के माध्यम से करवाएगा। शर्मा ने कहा कि हर घर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता झंडा लहरा के पूरे प्रदेश को भगवामय कर देंगे और इसी दौरान लाभार्थियों से संपर्क भी चलाया जाएगा।