सम्राट मिहिरभोज गुर्जर थे या राजपूत, अफसरों की समिति करेगी जांच : योगेंद्र राणा
करनाल, 21 अक्तूबर (हप्र)
मनोहर लाल सरकार ने राजपूत व गुर्जर समाज के बीच सामाजिक सौहार्द बरकरार रखने के उद्देश्य से सम्राट मिहिरभोज के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
य़ह बात भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेंद्र सिंह राणा ने शनिवार को सेक्टर-9 स्थित भाजपा कार्यालय कर्ण कमल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उनके साथ राजपूत समाज के दर्जनों मौजिज व्यक्ति भी उपस्थित रहे। योगेंद्र राणा ने कहा कि समिति चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। पिछले काफी दिनों से सम्राट मिहिरभोज को लेकर गुर्जर और राजपूत समाज में विवाद चला आ रहा है। दोनों ही पक्ष उन्हें अपना पूर्वज बताते हैं, जिसके चलते यह समिति बनाई गयी है।
मनोहर लाल सरकार के इस फैसले से इस विवाद पर हमेशा के लिए विराम लग जाएगा। इस मौके पर मेहर सिंह अमृतपूर, राजपूत सभा के उपाध्यक्ष कुलदीप नंबरदार ऊचाना, कृष्ण राघव बाहरी, सिद्धार्थ राणा बीजना, राजपूत सभा के पूर्व अध्यक्ष मास्टर ऋषि पाल, जय वीर फौजी सरपंच सालवन, देवेन्द्र सरपंच अमृतपूर कलां, परवीन सरपंच पधाना, राजेंद्र राणा, अनिल चौहान बीजना, नरेश राणा सालवन, बलविंदर राणा पूर्व सरपंच गोंदर, प्रदीप राणा साम्भली, सुरेश पतनपूरी, भोजपाल बरास, मुकेश राणा, नरेश राणा, कांवर पाल, सहाब सिंह राणा, सतपाल राणा, राजेंद्र राणा, गौरव राणा, दीपक राणा, नरेंद्र राणा, राजबीर सिंह, परवीन सरपंच मुख्य रूप से मौजूद रहे।