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गाजा में रुके युद्ध

06:41 AM Mar 28, 2024 IST
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उम्मीद की जानी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्ताव के बाद इस्राइल गाजा पर निरंतर जारी हमलों पर रोक लगाएगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार को पारित प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद ने रमजान के महीने के दौरान गाजा में तुरंत युद्धविराम लागू करने, बंधकों की बिना शर्त रिहाई तथा युद्धग्रस्त इलाकों में मानवीय सहायता सुनिश्चित करने को कहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि मतदान से दूरी बनाकर अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह गाजा मे शांति प्रयासों को साकार होता देखता चाहता है। वहीं अमेरिका का प्रस्ताव को वीटो न करना यूएसए व इस्राइल संबंधों में खटास आने का भी संकेत है। जिसको लेकर इस्राइल के नेता अमेरिका पर हमलावर हैं। इस्राइल ने अपने सदाबहार दोस्त अमेरिका पर संकट के समय साथ न देने का आरोप लगाया है। यहां तक कि इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक इस्राइली प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा रद्द करके अपनी नाराजगी जाहिर की है। हालांकि, कहना कठिन है कि इस्राइल और हमास सुरक्षा परिषद के पारित प्रस्ताव का किस हद तक पालन करते हैं, लेकिन एक बात तो तय है कि फिलहाल अमेरिका व इस्राइल के रिश्तों में खटास आ चुकी है। हालांकि, अब तक बाइडेन प्रशासन इस्राइल को पर्याप्त सैन्य मदद देता रहा है और हमास कोे समाप्त करने के उसके लक्ष्य का समर्थन भी करता आया है। लेकिन इसके बावजूद अमेरिका चाहता रहा है कि संघर्ष में आम लोगों की मौत कम से कम हो। उल्लेखनीय है कि 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल पर हुए हमास के क्रूर आतंकवादी हमले के बाद इस्राइल के जवाबी हमले में बत्तीस हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं। हमले से गाजा का एक बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। लाखों लोगों ने पलायन किया है और एक बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर पहुंच गई है। इस अभूतपूर्व मानवीय संकट के बावजूद इस्राइली हमले जारी हैं।
विडंबना यह है कि तमाम अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बावजूद दोनों ही युद्धरत पक्षों के रुख में नरमी नहीं आ रही है। जहां इस्राइल के हमले जारी हैं, वहीं अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों द्वारा पेश युद्धविराम व बंधकों की रिहाई के लिये मध्यस्थता के नये प्रस्ताव को हमास ने खारिज कर दिया है। वहीं इस्राइल का कहना है कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से आतंकवादी समूहों को बढ़ावा मिल सकता है। लेकिन इसके बावजूद एक हकीकत यह भी है कि वैश्विक जगत में गाजा में जारी युद्ध के चलते इस्राइल अलग-थलग पड़ता जा रहा है। साथ ही वह अब अमेरिकी समर्थन को गारंटी के रूप में नहीं ले सकता। फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस्राइल पर युद्धविराम के लिये दबाव बढ़ाने की तरफ अग्रसर है जिससे गाजा में शांति का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। गाजा में मानवीय संकट को तुरंत समाप्त करने के लिये भी यह जरूरी है। वहां फिलहाल भूख भी एक बड़ा संकट बनकर सामने खड़ी है। बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पारित युद्ध विराम के प्रस्ताव के बाद उम्मीद जगी है कि इस्राइल अपनी आक्रामकता में कुछ कमी लाएगा। वहीं हमास को भी इस्राइल पर किये गए हमले में बंधक बनाये गए इस्राइली नागरिकों की रिहाई पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जिससे गाजा में मानवीय सहायता का मार्ग प्रशस्त हो सके। हमास को भी सोचना चाहिए कि पिछले छह माह में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्धविराम का प्रस्ताव पारित हो सका है। हमास को इसे गाजा में शांति स्थापना की दिशा में एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। इस मामले में अमेरिका की ओर से वीटो का इस्तेमाल न करना भी एक अच्छा संकेत है। इससे पहले अमेरिका तीन बार ऐसे प्रस्तावों को वीटो कर चुका है। हमास को महसूस करना चाहिए कि इस प्रस्ताव के पारित होने के मूल में शांति की दिशा में दुनिया की तीव्र आकांक्षा भी है।

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