नशे के खिलाफ जंग
निश्चित रूप से पंजाब नशे की गंभीर चुनौती से गुजर रहा है। जिसके खिलाफ व्यापक पैमाने पर योजनाबद्ध अभियान वक्त की जरूरत है। सरकारें लंबे समय से इसके विरुद्ध कार्रवाई की बात तो करती रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में कम ही बदलाव नजर आया है। फिलहाल पंजाब में नशीले पदार्थों के खिलाफ जारी कार्रवाई नई प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जाहिर बात है सीमा पार से शुरू किए गए छद्म युद्ध की कीमत पंजाब चुका रहा है, जिसने लंबे समय से पंजाब को जकड़ रखा है। पिछले दस महीनों में पंजाब पुलिस ने 153 बड़े ऑपरेटरों सहित 10,524 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा भारी मात्रा में हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए हैं। सतही तौर पर ये आंकड़े एक सराहनीय कार्रवाई को दर्शाते हैं, लेकिन इसके बावजूद समस्या की विकटता को देखते हुए ये आंकड़े पर्याप्त नहीं हैं। वक्त की जरूरत है कि लगातार भयावह होती स्थिति में पुलिस को इस खेल की बड़ी मछलियों को बेनकाब करके नशे के प्रवाह पर रोक लगानी चाहिए। इसके बाद बड़े नशा तस्करों के खिलाफ व्यापक स्तर का अभियान चलाना चाहिए। जिससे समाज में यह संदेश जाए कि कोई कितना भी ताकतवर व्यक्ति क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। साथ ही यह भी कि समाज विरोधी कार्यों में लिप्त होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसे तत्वों को राजनीतिक संरक्षण देने वाली ताकतों को भी बेनकाब करने की जरूरत है।
हाल के दिनों में पंजाब ने स्थानीय तस्करों के साथ-साथ बड़े ड्रग नेटवर्क को लक्षित करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। जिसमें 790 किलोग्राम हेरोइन, 860 किलोग्राम अफीम और अन्य नशीले पदार्थों के साथ-साथ 13 करोड़ रुपये से अधिक ड्रग मनी जब्त की गई है। इन आपराधिक अभियानों की वित्तीय बुनियाद पर प्रहार करते हुए नशे के कारोबार से जुड़े लोगों की 208 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। हालांकि, अभी पर्दे के पीछे से काम करने वाले प्रमुख तस्करों को बेनकाब करने और कानूनन दंडित करने की सख्त जरूरत है। संदेश जाना जरूरी है कि इस काले कारोबार से जुड़े लोगों की दंडमुक्ति संभव नहीं है। इसके अलावा सीमा पार से चलाए जा रहे नशे के कारोबार का खात्म करना बेहद आवश्यक है। नशे की तस्करी में तमाम आधुनिक साधनों का उपयोग किया जा रहा है। पाकिस्तान पोषित इस नशीले कारोबार की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल सीमा सुरक्षा बल ने पंजाब की पाकिस्तान से लगती सीमा से 183 ड्रोन जब्त किए। जो वर्ष 2023 में बरामद 107 ड्रोन से कहीं अधिक हैं। पाक प्रायोजित यह तस्करी परिष्कृत तरीके से की जा रही है, जिसके खिलाफ सुनियोजित कार्रवाई जरूरी है। हालांकि, बीएसएफ ने पहल करते हुए एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए हैं। जिसके सार्थक परिणाम भी मिल रहे हैं। पंजाब में नशे की गंभीर चुनौती को देखते हुए सीमा सुरक्षा को फुलप्रूफ करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिये। जिसमें उच्च तकनीक व विभिन्न एजेंसियों में बेहतर तालमेल की जरूरत है।