For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

सेहत को संवारने में मददगार वॉक के तरीके

11:27 AM Mar 27, 2024 IST
सेहत को संवारने में मददगार वॉक के तरीके
Advertisement

हृदय व मस्तिष्क समेत तमाम रोगों में नियमित सैर यानी वॉक करने के फायदे हैं। हालिया शोधों में भी यह बात सामने आयी है। आजकल स्टेप्स काउंट किये जाते हैं ताकि जीवनशैली संबंधी रोगों से दूर रहा जाये या फिर राहत मिल सके। हालांकि इसके लिए सैर के अलग-अलग तरीके भी महत्वपूर्ण हैं।

शिखर चंद जैन

शरीर को फिट रखने के लिए नियमित वॉक करने का सुझाव हमेशा दिया जाता है। हेल्थ कॉन्शियस लोग खुद के लिए रोजाना 10,000 स्टेप्स का लक्ष्य रखते हैं। ऐसी धारणा है कि दिन में लोगों को कम से कम 2200 कदम तो जरूर चलना चाहिए। हाल ही में प्रकाशित ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि दिन के 2200 स्टेप्स हार्ट से जुड़ी बीमारियों और डायबिटीज़ का जोखिम कम कर सकते हैं। साथ ही इसमें कहा गया कि 9000 स्टेप्स ज्यादा कारगर साबित होते हैं। लेकिन सवाल यह कि क्या सिर्फ ज्यादा स्टेप काउंट से ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है? जवाब है- नहीं। दरअसल, सैर का तरीका भी महत्वपूर्ण है।

Advertisement

हार्ट की भी होती है एक्सरसाइज

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कीथ बार का कहना है कि शुरुआत में कदम गिनना अक्सर मददगार होता है लेकिन जब एक बार आपकी आदत 6000 से 8000 कदमों तक पहुंच जाए तो चलने की गति पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। कीथ बार के अनुसार, चलने से मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं जिससे पैरों से ब्लड हार्ट तक पहुंचता है। इससे हार्ट पर जोर पड़ता है। यानी वॉकिंग करने से समय के साथ आपका हृदय मजबूत और कुशल बनता है। तेज चलने का मतलब अधिक कैलोरी घटाना नहीं बल्कि हार्ट को मजबूत करना होता है। घर से बाहर जब आप प्रकृति के करीब होते हैं तो आपका तनाव भी घटता है।

ब्रेन को करे फिट और कूल

तेज चलने की प्रक्रिया पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के फ्लो को बढ़ाती है। ‘वॉक योर वे काम’ पुस्तक की लेखिका जेनिफर वाल्स कहती हैं ,जैसे ही आप चलना शुरू करते हैं मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बढ़ना शुरू हो जाता है। यह न केवल दिमाग को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है बल्कि नियमित वॉक से फील गुड हार्मोन एंडोर्फिन भी रिलीज होता है जो डिप्रेशन और एंग्जायटी को कम करने में मददगार है।

Advertisement

आजमाएं तरह-तरह की वॉक

वॉकिंग करने में सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसके साथ कई तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं। अलग-अलग एक्सपर्ट से जानते हैं तरह-तरह की वॉक्स और उनसे मिलने वाले फायदों के बारे में-

टच वॉक यानी इम्यून सिस्टम की मजबूती

जब हम पेड़-पौधों जैसी जीवित चीजों को रोज टच करते हुए आगे बढ़ते हैं तो न सिर्फ हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है बल्कि हमें मानसिक शांति भी मिलती है। अमेरिकी वैज्ञानिक और थेरेपी एक्सपर्ट व्हिटनी कुल्टर के अनुसार, हमारे आसपास की धूल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया इन्फ्लेमेशन घटाते हैं और तनाव कम करते हैं।

हिल वॉक - उंगलियों तक की एक्सरसाइज

चढ़ाई वाले रास्तों पर चलना शुरू करें। शुरू-शुरू में प्रयास करें कि चलने की गति बढ़ाएं। जब आपकी गति बढ़ जाए तो इसके बाद आप हिल यानी चढ़ाई वाले रास्तों पर पैदल चलना शुरू करें। पहाड़ों पर चढ़ाई करना अपनी फिटनेस को बढ़ावा देने का एक अच्छा तरीका है। बारह या पंद्रह हजार स्टेप चलने से बेहतर है आप चढ़ाई वाले रास्तों पर चलें। ब्रिटिश माउंटेनियरिंग काउंसिल के अनुसार, इस दौरान शरीर क्या महसूस कर रहा है और कौन सी मांसपेशी पर ज्यादा जोर पड़ रहा है उसे महसूस करें। कुछ मिनट के लिए चढ़ाई पर उतरे और चढ़े। इससे पीठ कमर ,पैर , उंगलियों ,कंधों और पिंडलियों तक की एक्सरसाइज होती है।

सेंट वॉक यानी मूड बेहतर

जॉय फ्रॉम फियर की लेखिका और क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक कार्लो मेरी मैनली कहती हैं कि जब हम अपना ध्यान किसी स्पेसिफिक सेंसर जैसे कि वातावरण में उपस्थित महक पर लगाते हैं तो हम स्वाभाविक रूप से वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करते हैं। सेंट वॉक का अनुभव हमें दिमागी भाग-दौड़ से दूर करता है इससे तनाव घटता है और मूड बेहतर बनता है।

स्पिरिट वॉक

चलते हुए ध्यान लगाने में मददगार है स्पिरिट वॉक। सैकड़ों लोगों के बीच चलने के बावजूद प्रकृति से बात करना पूजा करने जैसा महसूस होता है। स्पिरिट वॉक करने के लिए चलते समय सांसों और कदमों पर ध्यान लगाएं। इससे कुछ देर बाद आप माइंडफुलनेस की स्थिति में पहुंच जाएंगे। इसके बाद आप प्रार्थना कर सकते हैं या फिर जो भी आपके पास उपलब्ध हो उसके लिए ईश्वर के प्रति आभार जता सकते हैं। इससे आपको सुकून मिलता है।

रकिंग वॉक से सुधरे हार्ट रेट

नॉर्थ वेस्टर्न मेडिसिन की डॉक्टर सादिया खान कहती हैं- चलने की तीव्रता को और अधिक बढ़ाने के लिए बैकपैक में वजन उठाकर चलना शुरू करें। इसे रकिंग कहते हैं। यानी कुछ भारी सामान अपनी पीठ पर लेकर चलने की आदत डालें। इससे वर्कआउट के दौरान आपका हार्ट रेट बढ़ेगा जो हार्ट की क्षमता को बेहतर करता है। हालांकि रकिंग शुरू करने से पहले इसकी ट्रेनिंग लेनी जरूरी होती है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×