जींद जिले में किसी तरह के बदलाव के विरोध में स्वर तेज
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 26 दिसंबर
गोहाना को जिला बनाने के लिए जींद जिले के जुलाना और सफीदों उपमंडल के साथ प्रस्तावित छेड़छाड़ का अभी से विरोध शुरू हो गया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल के शासनकाल में भी जींद के आमजन और जनप्रतिनिधियों ने जींद के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ का खुलकर विरोध किया था। अब सरकार के लिए जींद जिले के लोगों के विरोध को दरकिनार कर जिले के कुछ गांवों को गोहाना में शामिल करना इतना आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि इन दिनों गोहाना को जिला बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। प्रस्तावित गोहाना जिले में जींद जिले के जुलाना उपमंडल के लिजवाना कलां, ढिगाना, नंदगढ़, लिजवाना खुर्द सिरसा खेड़ी, फतेहगढ़ मेहरड़ा आदि गांवों को प्रस्तावित गोहाना जिले में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। इसी तरह सफीदों उपमंडल के हाट, अंटा, कारखाना, हरिगढ़, भागखेड़ा, सिवाना माल, ऐंचरा कलां, भंबेवा, सरफाबाद, मालसरी खेड़ा, गांगोली, कलावती, बुटानी, होशियारपुर गांवों को प्रस्तावित गोहाना जिले में शामिल किए जाने की चर्चा और प्रस्ताव है।
भले ही अभी तक गोहाना को जिला बनाने और इसमें जींद जिले के कई गांवों को शामिल किए जाने पर प्रशासनिक और सरकारी मोहर नहीं लगी है, लेकिन इससे पहले ही जींद जिले में प्रस्तावित गोहाना जिले में जींद जिले के 24 से ज्यादा गांवों को शामिल किए जाने का बड़ा विरोध शुरू हो गया है। सफीदों के लोगों ने तो सफीदों उपमंडल को बचाने के लिए सफीदों को जिला बनवाने के लिए कमेटी तक गठित कर दी है।
सफीदों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
सफीदों के पूर्व कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि गोहाना को जिला बनाया जाए, इससे जींद के लोगों को दिक्कत नहीं है, लेकिन सफीदों और जुलाना उपमंडल के गांवों को प्रस्तावित गोहाना जिले में शामिल करना किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा। सफीदों तो खुद में एक जिला बनना चाहिए।
जुलाना के गांवों को गोहाना में नहीं होने देंगे शामिल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परमेंद्र ढुल का कहना है कि जुलाना के गांवों को गोहाना में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। गांवों के लोग इसके खिलाफ हैं। मुश्किल से जुलाना को उपमंडल बनवाया गया था। इसके लिए उन्होंने विधायक रहते कई बार आवाज उठाई थी। अब जुलाना उपमंडल के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ जुलाना के लोग सहन नहीं करेंगे। इसका डटकर विरोध होगा।
गोहाना से अलग है जींद का कल्चर
सफीदों के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी का कहना है कि जींद जिले की कल्चर गोहाना से अलग है। जींद जिला बांगर में आता है। यहां के रीति- रिवाज से लेकर बोली तक सब गोहाना से एकदम अलग हैं। 1966 में बने जींद जिले के गांवों को गोहाना में मिलाया जाता है, तो उन गांवों के लोगों को अपने राजस्व रिकॉर्ड को लेकर भारी दिक्कत होगी। इसके अलावा जींद जिले के सफीदों और जुलाना के जिन गांवों को प्रस्तावित गोहाना जिले में शामिल करने का प्रस्ताव है, उन गांवों के लोगों का किसी भी तरह का कोई जुड़ाव गोहाना से नहीं है।