किसान संगठनों का पंजाब में जोरदार रोष प्रदर्शन
बठिंडा, 22 अगस्त (निस)
टोल प्लाजों पर पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों का रोष प्रदर्शन जारी है। किसान नेताओं को अवैध रूप से हिरासत में रखे जाने से किसान संगठन सरकार से खफा हैं। इसी के चलते किसान संगठनों द्वारा पुलिस थानों और टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। किसान संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके नेताओं को बेवजह और गैर-कानूनी रूप से 2 दिन से हिरासत में रखा हुआ है, जबकि वे बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए चंडीगढ़ किसान संगठनों के समागम में शामिल होने जा रहे थे।
फिरोजपुर में आज किसानों द्वारा टोल प्लाजों पर रोष धरने प्रदर्शन के दौरान जिला सचिव गुरमेल सिंह फत्तेवाला और कोषाध्यक्ष रणजीत सिंह ने भगवंत मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाये और किसानों की मांगें तुरंत मानी जाएं, जिला फिरोजपुर के प्रधान इंद्रजीत सिंह बाठ और सीनियर उप प्रधान धर्म सिंह सिद्धू सहित अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार, घरों में नजरबंद तथा जेलों में भेजे जा चुके किसानों को बिना शर्त तुरंत रिहा किया जाए।
रोष धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि 16 किसान मजदूर संगठनों द्वारा की गई घोषणा के तहत चंडीगढ़ में लगने वाले धरने को नाकाम करने के लिए सरकार पंजाब सरकार के आदेशों पर पुलिस द्वारा पंजाब भर में किसान नेताओं को उनके घरों से उठा लिया गया है और संगरूर में पंजाब पुलिस की ज्यादती का सामना कर रहा किसान प्रीतम सिंह शहीद हो गया जिसके चलते पूरे पंजाब में किसानों में भारी रोष पाया जा रहा है।
नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार तुरंत गिरफ्तार और नजरबंद किए गए किसान नेताओं को रिहा करने के अलावा, किसानों की मुख्य मांगों 50 हजार करोड़ का विशेष पैकेज, किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, पशुओं की मृत्यु और बोरवेल खराब होने पर मुआवजा, पंजाब की सभी नदियों का स्थायी समाधान, बाढ़ में जान गंवाने वालों के आश्रितों को 10 लाख मुआवजा, एक साल के लिए सभी ऋण और ब्याज माफ और एमएसपी गारंटी, खेतों में भरे रेत को उठाने के लिए खनन की इजाजत, मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देना सुनिश्चित करे।
बताया जाता है कि बठिंडा में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता पुरुषोत्तम महराज, बलवंत महराज, दर्शन ढिल्लों, तीर्थ राम, गुरजंट सिंह रामपुरा के अलावा एक दर्जन से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर गुप्त जगह पर रखा है।