Violent Clash Between Farmers and Police पंजाब में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, कई घायल
- किसानों ने पनग्रेन इंस्पेक्टर को बंदी बनाया, पुलिस के पहुंचने पर शुरू हुई झड़प
- किसानों द्वारा पुलिस वाहनों में तोड़फोड़, घायल पुलिस कर्मियों को अस्पताल में भर्ती किया गया
विकास कौशल
बठिंडा, 11 नवंबर
पंजाब के बठिंडा जिले के रायके कलां मंडी में आज किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें कई किसान और पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं। इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस द्वारा स्थिति को काबू करने के प्रयास जारी हैं।
जानकारी के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के 20-25 कार्यकर्ता, जगसीर सिंह झुंबा की अगुआई में, दोपहर करीब 3:30 बजे दाणा मंडी रायके कलां पहुंचे और पनग्रेन इंस्पेक्टर राजवीर सिंह का घेराव कर लिया। किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी में उनकी फसलों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और खरीद प्रक्रिया में अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि बिना नमी की जांच किए गेहूं की फसल की खरीद की जाए और गेहूं की उठाईगीरी को तेज़ किया जाए।
इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पनग्रेन इंस्पेक्टर को छुड़वाने का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस के पहुंचते ही किसानों का गुस्सा बढ़ गया और दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। किसानों ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कई वाहनों के कांच तोड़ दिए। इस संघर्ष में एक पुलिस कर्मी (एएसआई परमजीत कुमार) को गंभीर चोटें आईं, जबकि कुछ अन्य को मामूली चोटें आईं। पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्की ताकत का इस्तेमाल करना पड़ा।
घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और स्थिति को शांत करने के लिए लगातार प्रयास किए गए। पुलिस कर्मियों के वाहनों पर भी धारदार हथियारों जैसे कुल्हाड़ी से हमला किया गया। घायल पुलिस कर्मियों को सिविल अस्पताल बठिंडा में भर्ती कराया गया और इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।
डिप्टी कमिश्नर ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी
इस दौरान बठिंडा जिले के डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद पारे ने कहा कि जिले में अमन और कानून की स्थिति बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति जो कानून को अपने हाथों में लेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि शाम 5:30 बजे श्री विपिन कुमार, नायब तहसीलदार बठिंडा, मौके पर पहुंचे और धरनाकारियों से बैठक की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद शाम 5:50 बजे के आसपास किसानों ने नायब तहसीलदार का भी घेराव कर लिया।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस दौरान पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से कई बार बातचीत की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। किसान बिना नमी की जांच किए गेहूं की खरीद करने की मांग कर रहे थे। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक टीम के साथ बातचीत न होने पर स्थिति और गंभीर हो गई।
डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि किसान नेताओं द्वारा इस संघर्ष को अपनी लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का परिणाम मानते हुए, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी में भ्रष्टाचार की समस्याओं को प्रमुख कारण बताया गया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन अगर किसी ने भी कानून तोड़ा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटनाक्रम से राज्य में किसान आंदोलन की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है, और सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को शांत करने के लिए पूरी ताकत झोंकी है, लेकिन किसान अपने आंदोलन को और बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं।