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Vinesh Phogat: विनेश फोगाट ने लिया कुश्ती से संन्यास, लिखी भावुक पोस्ट- मां, कुश्ती जीत गई, मैं हार गई

12:05 PM Aug 08, 2024 IST
विनेश फोगाट। रॉयटर्स फाइल फोटो
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सोनीपत/पेरिस, 8 अगस्त (हप्र/भाषा)

Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में फाइनल में पहुंचकर भी मेडल से वंचित होने से हताश विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। विनेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, मां, कुश्ती जीत गई, मैं हार गई। इस पर ओलंपियन मेडलिस्ट साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने उनकी हौसला अफजाई करते हुए लिखा, आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हो।

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पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के वजन बढ़ने के मामले को लेकर कल दिनभर चले घटनाक्रम के बाद मेडल से वंचित विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। उन्होंने आज सुबह अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए एक्स पर लिखा, 'मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई'। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। माफी।

विनेश ने बुधवार को खेल पंचाट (कैस) में ओलंपिक फाइनल से खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। ओलंपिक खेलों या उद्घाटन समारोह से पहले 10 दिनों की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां खेल पंचाट का तदर्थ विभाग स्थापित किया गया है जो अगले कुछ घंटों में उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।

विनेश ने दिन का एक बड़ा हिस्सा खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में बिताया, क्योंकि वजन कम करने के उपाय के कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इन उपायों में भूखा रहना, तरल पदार्थों से परहेज करना और पसीना बहाने के लिए पूरी रात जागना शामिल था।

सेमी फाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुज़मैन लोपेज़ ने फाइनल में भारतीय खिलाड़ी की जगह ली जहां वह अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से हार गई। विनेश अब लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक विजेता बनने के लिए खेल पंचाट पर भरोसा कर रही हैं।

कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि वजन से जुड़े वर्तमान नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

विश्व संस्था ने अपने अध्यक्ष नेनाद लालोविच के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की प्रमुख पीटी उषा से मुलाकात के बाद बुधवार देर रात जारी बयान में कहा, ‘‘आईओए हमने सुझाव दिया किसी दिन खिलाड़ी के वजन की जरूरत को पूरा किया जाता है उस दिन के पहलवान के परिणाम को अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए।''

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने कहा,‘‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू भी उचित मंच पर इस सुझाव पर चर्चा करेगा लेकिन यह पूर्व के नियमों पर लागू नहीं किया जा सकता।'' विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था । सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन उन्हें फाइनल में भाग लेने के अयोग्य ठहरा दिया गया।

विनेश का यह तीसरा ओलंपिक था। वह एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता है। हरियाणा की रहने वाली विनेश का पेरिस ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई करने पर उनकी काफी आलोचना हुई । मामला पुलिस और अदालत तक पहुंचा।

यही नहीं पेरिस ओलंपिक में उन्हें अपने पसंदीदा 53 किग्रा की बजाय 50 किग्रा में उतरना पड़ा। इस बार वर्ग में अंतिम पंघाल ने पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया जो पहले दौर में हार कर बाहर हो गई। विनेश को ओलंपिक क्वालीफायर से पहले कई ट्रायल मुकाबले खेलने पड़े और इस बीच उन्हें घुटने की सर्जरी भी करानी पड़ी।

विनेश का ओलंपिक सफर काफी पीड़ा दायक रहा है। उन्होंने पहली बार रियो ओलंपिक 2016 में हिस्सा लिया था जिसके क्वार्टर फाइनल मैच में वह चोटिल हो गई और उन्हें मैट से स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। उन्होंने इसके बाद तोक्यो ओलंपिक पर ध्यान लगाया और उसकी तैयारी में जुट गई। कॉविड-19 के कारण 2021 में खेले गए इन खेलों में विनेश क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं। पेरिस ओलंपिक में उन्होंने शुरू से अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आखिर में भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया।

वहीं, टोक्यो ओलंपिक के मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर कहा कि विनेश आप हारी नहीं हराया गया है। हमारे लिए सदैव आप विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हो।

इससे पहले बजरंग पूनिया ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि इन बेटियों के रास्तों पर कांटे बोने वालों यह बेटियां फिर खड़ी होगी और फिर लड़ेंगी, ये बेटियां जरूर जीतेंगी।

ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कहा विनेश तुम हारी नहीं, हर वह बेटी हारी है जिनके लिए तुम लड़ी और जीती। यह पूरे भारत देश की हार है। देश तुम्हारे साथ है। खिलाड़ी के तौर पर उनके संघर्ष और जज्बे को सलाम।

सोनीपत के खरखौदा में अपने निवास पर विनेश फोगाट के ससुर राजपाल राठी ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्षता पूर्ण जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खेल और खिलाड़ी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

वही विदेश फोगाट के पड़ोसी द्रोणाचार्य अवॉर्डी कुश्ती कोच ओमप्रकाश दहिया ने कहा कि विनेश ने इस प्रतियोगिता में जबरदस्त कम बैक किया। उसको हर हाल में उसके द्वारा जीता हुआ सिल्वर मेडल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विनेश जोरदार फॉर्म में थी अगर फाइनल खेलती तो देश के लिए कुश्ती में पहला गोल्ड पक्का था। वहीं, विनेश फोगाट के पूर्व कोच एवं भारतीय महिला कुश्ती टीम के एक दशक तक चीफ कोच रहे कुलदीप मलिक ने कहा वह इस पूरे घटनाक्रम से बेहद दु:खी हैं।

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