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बलाली के ग्रामीणों की प्रधानमंत्री से मांग, बेटियों को मिले न्याय

10:23 AM Dec 30, 2023 IST
चरखी दादरी के गांव बलाली में चौपाल पर ताश खेलते ग्रामीण पहलवान विनेश फोगाट को लेकर चर्चा करते हुए। -हप्र

प्रदीप साहू/हप्र
चरखी दादरी, 29 दिसंबर

दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट द्वारा मेजर ध्यानचंद खेल रत्न व अर्जुन पुरस्कार लौटाने के बाद उसके गांव बलाली के ग्रामीणों का दर्द सामने आया है। गांव की चौपाल पर हुक्का गुड़गुडाते व ताश खेलते ग्रामीणों ने विनेश के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और प्रधानमंत्री से मामले में दखल देते हुए पहलवानों को न्याय दिलाने की मांग उठाई। साथ ही डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर किसी खिलाड़ी की ही नियुक्ति करने की बता कही। दरअसल डब्ल्यूएफआई व पहलवानों का मामला पिछले एक वर्ष से लगातार चल रहा है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव के बाद जहां बजरंग पूनिया व विनेश फोगाट ने अपने पदक लौटा दिए, वहीं खेल मंत्रालय द्वारा डब्ल्यूएफआई को भंग भी कर दिया है। विनेश द्वारा उच्च सम्मान पदक लौटाने के बाद उसके गांव बलाली में चौपाल पर दिनभर चर्चा होती रही। चौपाल पर ताश खेलते ग्रामीणों को बेटी द्वारा लिए फैसले व डब्ल्यूएफआई मामले को लेकर खासी नाराजगी है। चौपाल पर बैठक ग्रामीणों का कहना है कि जब बेटी ने देश के लिए पदक जीते तो काफी सम्मान मिला और उन्होंनेदेश का नाम रोशन भी किया। अब बेटी विनेश अपने पदक लौटा रही है तो दुख भी होता है।
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अध्यक्ष पद पर खिलाड़ी की हो नियुक्ति

चौपाल पर बैठे सोमबीर सांगवान, सुरेंद्र सिंह व मंजीत सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि देश के लिए मेडलों की बौछार करने के बाद भी बेटी विनेश को दूसरे पहलवानों के साथ न्याय के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। विनेश ने बेटियों के न्याय को लेकर जाे संघर्ष करना पड़ा वह दुखदाई है। जब गांव की बेटी विनेश ने मेडल जीते तो पूरा देश खुशियां मना रहा था और आज बड़ा दुख होता है जब उसको अपने पदक वापिस करने पड़े। ग्रामीणों ने जहां प्रधानमंत्री से मामले में दखल देते हुए बेटियों को न्याय दिलाने की मांग उठाई वहीं डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर किसी खिलाड़ी की ही नियुक्ति करने की मांग की।

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