फ्लाईओवर की मांग को लेकर हाईवे पर उतरे ग्रामीण
अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 11 दिसंबर
भिवानी से रोहतक तक का सफर इन दिनों यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। सुरक्षा के उद्देश्य से बनाए गए स्पीड ब्रेकर अब राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। करीब 50 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 50 से अधिक स्पीड ब्रेकर हैं, जिनकी अधिकता ने न केवल सफर को थका देने वाला बना दिया है, बल्कि मरीजों और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी इसे बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
स्थिति इतनी गंभीर है कि भिवानी से रोहतक रैफर किए गए मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस बार-बार रुकने और धीमी गति के कारण समय पर नहीं पहुंच पाती। इससे कई बार मरीजों की जान पर बन आती है। स्थानीय नागरिकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और जिला प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि भिवानी बस स्टैंड से गांव खरक कलां तक 18 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ही 17 स्पीड ब्रेकर हैं। इस समस्या ने न केवल यात्रियों की यात्रा को कठिन बना दिया है, बल्कि सड़क निर्माण के नियमों के पालन पर भी सवाल खड़े किए हैं।
जरूरी जगहों पर हों गतिरोधक
सड़क पर इन स्पीड ब्रेकरों की संख्या इतनी अधिक है कि सफर का समय अनावश्यक रूप से बढ़ जाता है। राहगीर, वाहन चालक और स्थानीय नागरिक इसे बड़ा मुद्दा बताते हुए इसे तुरंत हल करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्पीड ब्रेकरों का निर्माण केवल जरूरी स्थानों पर होना चाहिए, जैसे स्कूल, अस्पताल या संवेदनशील क्षेत्र। लेकिन, इस मार्ग पर हर कुछ किलोमीटर पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है।
वाहनों की भी सेहत बिगड़ रही
वाहन चालकों का कहना है कि स्पीड ब्रेकर ज्यादा होने से उनके तेल की खपत बढ़ गई है। बार-बार ब्रेक लगाने से वाहन भी कम एवरेज दे रहे हैं। जिससे उनका बजट भी बिगड़ रहा है। साथ ही सर्विस भी बार-बार करवानी पड़ रही है। ब्रेकरों के कारण जाम की स्थिति भी बनी रहती है।