Video: न्यूजीलैंड संसद में हाना-रावहिती का अनोखा विरोध, Haka Dance के साथ विधेयक की प्रतियां फाड़ीं
चंडीगढ़, 15 नवंबर (ट्रिन्यू)
Haka dance in Parliament: न्यूज़ीलैंड की संसद में गत दिवस उस समय असाधारण दृश्य देखने को मिला जब देश की सबसे युवा सांसद, हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क ने विवादित संधि सिद्धांत विधेयक का विरोध पारंपरिक माओरी हाका डांस के माध्यम से किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
22 वर्षीय माओरी सांसद हाना-रावहिती ने संसद में बहस के दौरान विधेयक की एक प्रति फाड़ दी और पारंपरिक हाका डांस करते हुए इस कानून का विरोध किया। उनका यह कदम तुरंत गैलरी में बैठे दर्शकों और अन्य सांसदों का ध्यान आकर्षित कर गया। उनके साथ अन्य सांसद और गैलरी के दर्शक भी हाका डांस में शामिल हो गए, जिससे सदन में माहौल काफी गर्म हो गया। सदन के स्पीकर गेरी ब्राउनली ने माहौल को शांत करने के लिए सत्र को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया।
भारत की संसद में सांसदों का विरोध प्रदर्शन तो आपने कई बार देखा होगा, लेकिन न्यूजीलैंड की संसद का नज़ारा भी कुछ कम नहीं है! न्यूजीलैंड की संसद में भी विरोध प्रदर्शन होते हैं, लेकिन वहां की संसदीय प्रणाली भारत से थोड़ी अलग है।
New Zealand Parliament
pic.twitter.com/2trg8WrGZd— RavinderNadhori (@HryanviKissan29) November 14, 2024
हाना-रावहिती न्यूजीलैंड की सबसे युवा सांसद हैं और ते पाटी माओरी पार्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने 2023 के चुनाव में लंबे समय तक सांसद रहीं नानिया महुता को हराकर इतिहास रचा था। माओरी समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली हाना ने अपने पहले भाषण के दौरान भी हाका डांस का प्रदर्शन किया था, जिससे उन्होंने व्यापक प्रशंसा अर्जित की।
विवादित विधेयक
संधि सिद्धांत विधेयक न्यूज़ीलैंड के ऐतिहासिक वैतांगी संधि की व्याख्या से जुड़ा है। इस संधि को 1840 में ब्रिटिश क्राउन और माओरी प्रमुखों के बीच हस्ताक्षरित किया गया था। यह विधेयक माओरी समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास माना जा रहा है, जिससे माओरी समुदाय और उनके समर्थकों में गहरा असंतोष है।
हाका डांस का महत्व
हाका माओरी संस्कृति का एक पारंपरिक युद्ध गीत और नृत्य है, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है। इसे पूरे जोश और भावना के साथ किया जाता है और इसका उपयोग विरोध, स्वागत और सांस्कृतिक पहचान को प्रकट करने के लिए किया जाता है। हाना-रावहिती के इस विरोध प्रदर्शन ने माओरी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर उनके समर्थकों ने इसे साहसिक कदम बताया, वहीं आलोचकों ने इसे संसद की गरिमा के खिलाफ करार दिया।