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Video: स्पेसएक्स ने ISRO का 4,700 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह अमेरिका से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया

12:00 PM Nov 19, 2024 IST
video  स्पेसएक्स ने isro का 4 700 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह अमेरिका से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया
संचार उपग्रह जीसैट-एन2 का सफल परीक्षण। एपी/पीटीआई फोटो
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बेंगलुरु, 19 नवंबर (भाषा)

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GSAT-N2 launched: अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-एन2 (GSAT-N2) को अमेरिका के केप कैनवेरल (Cape Canaveral) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Limited - NSIL) ने इसकी जानकारी दी।

एनएसआईएल ने बताया कि फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 Rocket) के जरिए 4,700 किलोग्राम वजनी 'जीसैट-एन2 हाई-थ्रूपुट  उपग्रह को उसकी वांछित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है।

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एनएसआईएल (NSIL) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (X)’ पर लिखा, "एनएसआईएल के ‘जीसैट-एन2 हाई-थ्रूपुट (HTS)’ संचार उपग्रह को 19 नवंबर 2024 को अमेरिका के केप कैनवेरल (Cape Canaveral) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।"


4700 किलोग्राम है वजन

4,700 किलोग्राम वजनी जीसैट-एन2 (GSAT-N2) को वांछित भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (Geosynchronous Transfer Orbit - GTO) में स्थापित किया गया। इसरो की मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (Master Control Facility - MCF) ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया है। प्रारंभिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि उपग्रह अच्छी स्थिति में है।

उपयोग और सेवाएं

यह 'केए-बैंड हाई थ्रूपुट (Ka-Band High Throughput)' संचार उपग्रह पूरे भारतीय क्षेत्र में ब्रॉडबैंड सेवाओं (Broadband Services) और विमानों की उड़ान में संपर्क सुविधा (In-Flight Connectivity) को बढ़ाएगा। जीसैट-एन2 मिशन की अवधि 14 वर्ष है। उपग्रह 32 उपयोगकर्ता बीम से लैस है, जिनमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 8 संकीर्ण स्पॉट बीम (Spot Beams) और शेष भारत के लिए 24 चौड़े स्पॉट बीम (Spot Beams) शामिल हैं।

जीसैट-24 (GSAT-24), एनएसआईएल का पहला मांग आधारित उपग्रह था, जिसे 23 जून 2022 को फ्रांस के फ्रेंच गुयाना (French Guiana) के कौरू (Kourou) से प्रक्षेपित किया गया था।

भविष्य की योजनाएं

एनएसआईएल ने बताया कि इन 32 बीम को भारत की मुख्य भूमि में स्थित 'हब स्टेशन (Hub Station)' से सपोर्ट मिलेगा, जो उपग्रह के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं सुनिश्चित करेगा।

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