Video: मध्य प्रदेश में पति की मौत के बाद गर्भवती से कराए बिस्तर पर लगे खून के धब्बे साफ, वीडियो वायरल
डिंडोरी, 3 नवंबर (भाषा)
Madhya Pradesh Hospital: मध्य प्रदेश के डिंडोरी में एक सरकारी अस्पताल के बिस्तर पर एक गर्भवती आदिवासी महिला को खून के धब्बे साफ करने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। बिस्तर पर उसके पति के खून के धब्बे लगे थे।
अधिकारियों ने बताया कि रघुराज मरावी (28) पर रिश्तेदारों ने जमीन विवाद को लेकर हमला कर दिया था और उसे बृहस्पतिवार की रात घायल अवस्था में सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था।
प्रदेश में भाजपा की सरकार में बेलगाम अफसरशाही द्वारा अमानवीयता के उदाहरण रोज सामने आते हैं!
किन्तु आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में पति की मौत के बाद गर्भवती महिला से साफ सफाई करवाना अमानवीयता की पराकाष्ठा है!उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री @rshuklabjp जी प्रदेश के अस्पतालों… pic.twitter.com/iJr8ggwYpB
— MP Congress (@INCMP) November 2, 2024
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बाद में उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी रोशनी बाई, जो पांच महीने की गर्भवती हैं, को उस बिस्तर से खून के धब्बे धोने पड़े जिस पर उन्हें भर्ती कराया गया था। यह घटना शनिवार को हुई। हमने नर्सिंग अधिकारी राकुमारी मरकाम और छोटी बाई ठाकुर को निलंबित कर दिया है और चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह का तबादला कर दिया है।''
उन्होंने बताया कि हमले में रघुराज के भाई शिवराज मरावी (40) और पिता धरम सिंह मरावी (65) की मौत हो गई जबकि दूसरे भाई रामराज को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार यह हमला जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर लालपुर गांव में एक जमीन पर फसल काटने को लेकर हुए विवाद के कारण किया गया था।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है। एक्स अकाउंट पर किए पोस्ट में कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार में बेलगाम अफसरशाही द्वारा अमानवीयता के उदाहरण रोज सामने आते हैं! किन्तु आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में पति की मौत के बाद गर्भवती महिला से साफ सफाई करवाना अमानवीयता की पराकाष्ठा है! उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला प्रदेश के अस्पतालों में समुचित इलाज तो खैर जनता को नसीब नहीं, लेकिन क्या अब जनता मानवीय व्यवहार की हकदार भी नहीं ? अपने पति को खो चुकी महिला के साथ अस्पताल प्रशासन का यह व्यवहार निंदनीय और शर्मसार करने वाला है।