मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

चांसलर जगदीप धनखड़ से मिलीं कुलपति रेनू, पूटा टीम

07:11 AM Feb 18, 2025 IST
मोहाली में सोमवार को उपराष्ट्रपति और पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप सिंह धनखड़ से मिलते पूटा अध्यक्ष अमरजीत सिंह नौरा। इस मौके पर पीयू की कुलपति प्रोफेसर रेनू विग भी उपस्थित रहीं। -दैनिक ट्रिब्यून

जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 फरवरी
आज आईआईएसईआर, मोहाली के दौरे पर आये देश के उप-राष्ट्रपति और पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप सिंह धनखड़ से पीयू की कुलपति प्रोफेसर रेनू विग और पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) की टीम ने उनसे मुलाकात की। इस बीच चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पूर्व सांसद और एडीशनल सोलिसिटर जनरल आफ इंडिया सत्यपाल जैन ने भी उपराष्ट्रपति का स्वागत किया और उनसे शिष्टाचार मुलाकात की।
बताया जाता है कि कुलपति प्रो. रेनू विग ने चांसलर जगदीप धनखड़ से फाइनांशियल मसलों को लेकर कुछ बात की जिसे उन्होंने अभी सार्वजनिक करने से परहेज किया। हालांकि उन्होंने गाड़ी में बैठते-बैठते सीनेट चुनाव को लेकर यह अवश्य कहा कि वाइस चांसलर को ही सब कुछ फेस करना पड़ता है मगर साथ ही उन्होंने कुछ सकारात्मक संकेत भी दिये कि जल्द ही इस बारे में कुछ किया जायेगा। पीयू कैंपस स्टूडेंट्स कौं‍सिल के प्रधान अनुराग दलाल ने भी चांसलर से मुलाकात की और दिल्ली में मिलने का समय मांगा ताकि फंडिंग और जमीन के अलावा छात्रों से जुड़े कुछ अन्य मसलों पर कोई बातचीत हो सके।
इसी के साथ पूटा अध्यक्ष, अमरजीत सिंह नौरा और सचिव मृत्युंजय कुमार भी कुलाधिपति जगदीप धनखड़ से मिले और संक्षिप्त बैठक की।
पूटा प्रधान अमरजीत नौरा ने कहा कि उनके सहयोग से ही यूजीसी से अपेक्षित धनराशि जल्द ही जारी होने की उम्मीद बंधी है, जिससे विश्वविद्यालय जल्द से जल्द कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान कर सकेगा। इसके अलावा पूटा ने पंजाब विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाने के लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करने में चांसलर के समर्थन का अनुरोध किया।
केंद्र सरकार सरकारी कालेजों के टीचर्स की रिटायरमेंट ऐज पहले ही 65 साल कर चुका है। चूंकि पीयू इंटरस्टेट कारपोरेट बॉडी है । इसलिये अभी तक केंद्र इससे हिचक रहा क्योंकि पंजाब का भी इसमें स्टेक है।
जब तक पंजाब इसके लिये हामी नहीं भरता तब तक इस पर कोई फैसला लेना संभव नहीं दिखायी पड़ता। हालांकि चांसलर ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में लेने का आश्वासन अवश्य दिया है।

Advertisement

Advertisement