4800 रुपये तक के भाव में सूरजमुखी खरीदने के मौखिक आदेश
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 6 जून
सूरजमुखी की सरकारी खरीद को लेकर किसानों और सरकार के बीच हो रही तकरार के बीच हैफेड के जिला अधिकारियों को मौखिक निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिकतम 48 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रदेश के किसानों से सूरजमुखी खरीद शुरू करें। ऐसे में किसानों को भावांतर योजना में सरकार से 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल अलग से मिलेगा लेकिन हरियाणा का किसान सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर ही अपनी सूरजमुखी बेचने के लिए अड़ गया है।
इसी बीच अम्बाला शहर मंडी में पंजाब के किसान करीब 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से अपनी सूरजमुखी की उपज बेच कर खुशी खुशी घर जा रहे हैं। हालांकि आज सुबह बरसात के कारण बिक्री में कुछ व्यवधान आया लेकिन दिन में अच्छी धूप निकलने के बाद यह फिर से बिकने लगी। पंजाब के किसान बता रहे हैं कि इस बार उन्हें बंपर फसल हुई है और प्रति एकड़ 12 क्विंटल से ज्यादा औसत झाड़ निकला है। पिछले साल प्रदेश सरकार ने औसतन 8 क्विंटल झाड़ मानकर किसानों से खरीद की थी।
क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की मंडी में आज हैफड के कर्मचारी और अधिकारी हरियाणा के किसानों का सूरजमुखी खरीदने के लिए तैयार बैठे थे लेकिन एमएसपी पर बेचने पर अड़े किसानों ने अपनी उपज कम रेट में बेचने में काई दिलचस्पी नहीं दिखाई। आढ़तियों की माने तो शहर मंडी में 60 प्रतिशत से ज्यादा फसल पंजाब क्षेत्र के किसानों की आती है और वे प्राइवेट बेचकर जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश सरकार की सूरजमुखी खरीद को लेकर तैयारियां भी पूरी नहीं हुई हैं। अभी तक ई खरीद पोर्टल भी काम नहीं कर रहा जिसके कारण गेट पास बनाने को लेकर दिक्कत आ सकती है। अधिकारियों की माने तो कल शाम तक ही इसके चलने की उम्मीद है। सरकार और किसानों के बीच देर सवेर यदि सहमति बनती है तो भी प्रदेश सरकार केवल पोर्टल पर पंजीकृत और वैरिफाईड किसानों की सूरजमुखरी ही खरीदेगी। आढ़तियों के अनुसार यह कड़ाई धान खरीद से भी ज्यादा सख्त होने वाली है।
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के नेताओं का कहना है कि किसानों ने केंद्र द्वारा सूरजमुखी की एमएसपी घोषित होने के बाद ही इसकी खेती की और अब जब फसल मंडियों में आ चुकी है तो सरकार किसानों से दगा करना चाहती है। यूनियन नेताओं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी, सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा, वजिंद्र सिंह कंबोज, गुरमीत सिंह आदि का कहना है कि सरकार ने यदि प्रदेश के किसानों की सूरजमुखी एमएसपी पर खरीदनी प्रारंभ नहीं की तो किसानों के हित में बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
मुख्यालय से मौखिक आदेश मिले हैं कि प्रदेश के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से अधिकतम 4800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से क्वालिटी के अनुसार दाम लगाकर सूरजमुखी खरीद शुरू कर दी जाए। इसके अलावा सरकार भावांतर योजना के तहत 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल अलग से देगी। अभी तक कोई किसान अपनी सूरजमुखी बेचने नहीं आया।
-वेद प्रकाश मलिक, जिला प्रबंधक हैफेड अम्बाला