Panchang 24 April 2025: वरुथिनी एकादशी आज, वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर करने के लिए करें ये काम
08:50 AM Apr 24, 2025 IST
Advertisement
चंडीगढ़, 24 अप्रैल फरवरी (ट्रिन्यू)
Varuthani Ekadashi 2005: आज वरुथिनी एकादशी है। हिंदू धर्म में इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यदायी व्रत माना जाता है, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, जिन्हें सृष्टि का पालनहार माना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि व सौभाग्य प्राप्त होता है। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक वरुथिनी एकादशी पर श्रद्धा से किया गया व्रत मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है और जीवन की बाधाओं को दूर करता है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।
भगवान विष्णु को प्रिय केले, मौसमी फल, पीले वस्त्र, अन्न, जल से भरा मिट्टी का घड़ा, काले तिल आदि का दान करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और आपसी प्रेम बढ़ता है। यह व्रत न केवल आत्मिक शुद्धि और पुण्य प्रदान करता है, बल्कि पितरों की तृप्ति और उनके आशीर्वाद का भी माध्यम बनता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया यह व्रत व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्त कर मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।
Panchang 24 April 2025: अंग्रेजी तिथि 24 अप्रैल 2025 (गुरुवार)
हिन्दी तिथि (राष्ट्रीय) वैशाख 04, शक संवत 1947
विक्रम संवत विक्रम संवत 2082
पक्ष एवं तिथि कृष्ण पक्ष एकादशी (अपराह्न 2:33 तक), उपरांत द्वादशी
सौर मास वैशाख मास प्रविष्टे 12
ऋतु ग्रीष्म ऋतु
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल
राहुकाल अपराह्न 01:30 बजे से 03:00 बजे तक
नक्षत्र शतभिषा (10:49 पूर्वाह्न तक), उपरांत पूर्वाभाद्रपद
योग ब्रह्म योग (03:56 अपराह्न तक), उपरांत ऐन्द्र योग
करण बालव (02:33 अपराह्न तक), उपरांत तैतिल करण
व्रत/उपवास वरूथिनी एकादशी व्रत
विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 से 03:23 तक
निशीथ काल रात 11:57 से 12:41 तक
गोधूलि बेला शाम 06:51 से 07:13 तक
चंद्र राशि परिवर्तन कुंभ से मीन राशि में अर्धरात्रोत्तर 03:26 बजे
हिन्दी तिथि (राष्ट्रीय) वैशाख 04, शक संवत 1947
विक्रम संवत विक्रम संवत 2082
पक्ष एवं तिथि कृष्ण पक्ष एकादशी (अपराह्न 2:33 तक), उपरांत द्वादशी
सौर मास वैशाख मास प्रविष्टे 12
ऋतु ग्रीष्म ऋतु
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल
राहुकाल अपराह्न 01:30 बजे से 03:00 बजे तक
नक्षत्र शतभिषा (10:49 पूर्वाह्न तक), उपरांत पूर्वाभाद्रपद
योग ब्रह्म योग (03:56 अपराह्न तक), उपरांत ऐन्द्र योग
करण बालव (02:33 अपराह्न तक), उपरांत तैतिल करण
व्रत/उपवास वरूथिनी एकादशी व्रत
विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 से 03:23 तक
निशीथ काल रात 11:57 से 12:41 तक
गोधूलि बेला शाम 06:51 से 07:13 तक
चंद्र राशि परिवर्तन कुंभ से मीन राशि में अर्धरात्रोत्तर 03:26 बजे
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
Advertisement
Advertisement