मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

माओवादी धमकी के बाद वैद्यराज मांझी का पद्मश्री लौटाने का फैसला

08:37 AM May 28, 2024 IST
Advertisement

नारायणपुर, 27 मई (एजेंसी)
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में वैद्यराज के नाम से मशहूर चिकित्सक हेमचंद मांझी ने नक्सलियों से धमकी मिलने के बाद सोमवार को कहा कि वह अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा देंगे। मांझी ने कहा कि वह जड़ी-बूटियों से इलाज करना भी बंद कर देंगे।
मांझी (72) को पिछले महीने देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री मिला था। पुलिस ने बताया कि रविवार रात नक्सलियों ने जिले के छोटेडोंगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चमेली और गौरदंड गांवों में दो निर्माणाधीन मोबाइल टावरों में आग लगा दी तथा वहां मांझी को धमकी देने वाले पर्चे फेंके। माओवादी पर्चे में मांझी की एक तस्वीर है, जिसमें वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेते दिख रहे हैं। पर्चे में माओवादियों ने आरोप लगाया कि मांझी ने नारायणपुर के छोटेडोंगर इलाके में आमदई घाटी लौह अयस्क परियोजना को चालू करने में मदद की थी और इसके लिए उन्हें रिश्वत मिली थी। हालांकि मांझी ने इस आरोप से इनकार किया है। इससे पहले भी नक्सलियों ने मांझी पर यही आरोप लगाए थे और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। मांझी ने सोमवार को माओवादियों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने पहले ही ग्रामीणों को स्पष्ट कर दिया था कि लौह अयस्क खदान से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार से चर्चा के बाद पद्मश्री पुरस्कार लौटाने और अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति बंद करने का फैसला किया है।
वैद्यराज ने कहा, ‘पहले उन्होंने (नक्सलियों ने) झूठे आरोप लगाकर मेरे भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी। मेरा परिवार खतरे के साये में जी रहा है।’ क्षेत्र के आमदई घाटी में जायसवाल निको इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जेएनआईएल) को लौह अयस्क खदान आवंटित किया गया है। नक्सली लंबे समय से इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement